धरती हमारी माँ है और पृथ्वी एकमात्र ऐसा गृह है, जहां जीवन संभव है। पृथ्वी पर मिट्टी, जल, वायु, सूर्य का प्रकाश और अनुकूल तापमान ये हमारे जीवन के आधार हैं। पृथ्वी मनुष्यों के लिये ही नहीं बल्कि संपूर्ण जीवों, पेड़-पौधों के लिये जीवनदायिनी है। हांलाकि समय के साथ प्राकृतिक संसाधन का इतना अधिक दोहन हो रहा है कि धीरे-धीरे संसाधन कम होते जा रहे हैं। इन प्राकृतिक संसाधनों के बिना पृथ्वी पर जीवन जीना मुश्किल हो जायेगा। इन समस्याओं को दूर करने के लिये प्रकृति चीजों का संरक्षण अति-आवश्यक है। सभी को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। आइये जानते हैं प्रकृति का संरक्षण क्यों आवश्यक है, और इसके महत्व के बारे में......
पृथ्वी दिवस की थीम: साल 1970 से हर वर्ष पृथ्वी दिवस मनाया जाने लगा। हर साल पृथ्वी दिवस मनाने के लिए एक खास थीम रखी जाती है। पृथ्वी दिवस 2025 की थीम हमारी शक्ति, हमारा ब्रह्मांड (Our Power, Our Planet) है।
पृथ्वी दिवस हर वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। यह दिन हमें वायु और जल प्रदूषण, प्लास्टिक कचरे की बढ़ती समस्या, वन कटाई और जैव विविधता के ह्रास जैसी गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों की याद दिलाता है। पृथ्वी दिवस का मुख्य संदेश यह है कि पृथ्वी हमारी साझा धरोहर है, और इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हम सभी की है। पृथ्वी दिवस सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि पर्यावरण की रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर है।
मृदा स्वास्थ्य खराब होने का मुख्य कारण वनों की कटाई, मृदा कटाव, प्रदूषण, और अनुचित उर्वरक प्रयोग जैसे कारणों से दुनिया भर में मिट्टी की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। एक अध्ययन के अनुसार, यूरोपीय संघ की 61% भूमि मृदा क्षरण से प्रभावित है, जबकि एफएओ की रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक स्तर पर 33% मिट्टी पहले ही क्षरित हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय मंच आईपीबीईएस के अनुसार, वर्ष 2050 तक 90 प्रतिशत से अधिक मिट्टी खराब होने का अनुमान है।
मिट्टी केवल खेती का आधार ही नहीं, बल्कि पृथ्वी पर जीवन के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह पौधों को पोषक तत्व, स्वच्छ हवा और पानी प्रदान करती है। स्वस्थ मिट्टी न केवल फसल उत्पादन और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि वातावरण से कार्बन को भी अवशोषित कर जलवायु परिवर्तन को कम करने में योगदान देती है।
मृदा में कार्बनिक पदार्थ की भूमिका: कार्बनिक पदार्थ वे तत्व होते हैं जो पौधों और जानवरों से उत्पन्न होकर विघटित होकर मिट्टी में मिलते हैं। इससे मिट्टी में सूक्ष्मजीवों और कीटों की विविधता बनी रहती है, जो पौधों को पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करते हैं। स्वस्थ जैव विविधता मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में सहायक होती है। साथ ही घरेलू और कृषि अपशिष्ट विघटित होकर पोषक तत्वों से भरपूर खाद तैयार करके मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार की जा सकती है।
जीवन के लिए मिट्टी क्यों जरूरी है: मिट्टी न केवल भोजन और औषधियों का स्रोत है, बल्कि यह जल को छानती, शुद्ध करती है और बाढ़ के खतरे को कम करती है। यह जलवायु संतुलन बनाए रखने और कार्बन-नाइट्रोजन चक्र को संचालित करने में अहम भूमिका निभाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, मिट्टी पृथ्वी की “जीवित त्वचा” की तरह है – पतली, नाजुक, लेकिन हमारे जीवन के लिए अत्यंत जरूरी।
कार्बन क्रेडिट्स: किसानों के लिए नया आर्थिक अवसर: टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसान कार्बन क्रेडिट उत्पन्न कर सकते हैं। ये क्रेडिट प्रदूषण करने वाले उद्योगों द्वारा खरीदे जाते हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर मिलता है। यह प्रणाली न केवल जलवायु संरक्षण को बढ़ावा देती है, बल्कि किसानों को पर्यावरण के संरक्षक के रूप में स्थापित करती है।
धरती की रक्षा के लिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक: पृथ्वी की रक्षा केवल बड़े बदलावों से नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन में किए गए छोटे-छोटे प्रयासों से भी संभव है। जब हम प्लास्टिक की जगह कपड़े के थैले का चयन करते हैं, ऊर्जा की बचत करने वाले उपकरणों का उपयोग करते हैं या जल की एक-एक बूंद बचाते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए एकजुट होकर स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, जल संरक्षण या सतत कृषि जैसी सामूहिक गतिविधियों से पृथ्वी को संरक्षित किया जा सकता है।
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