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Crop protection tips: फसलों को पाला और शीतलहर से कैसे बचाएं, जानें फसलों पर पाले का प्रभाव

शीतलहर और पाला का प्रभाव
शीतलहर और पाला का प्रभाव

रबी फसलों की बुबाई दिसम्बर माह के अंतिम चरणों तक चलती है। बोई गई फसलों पर कीट-पतंगो और बीमारियों के प्रकोप की निगरानी रखें। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि रात के तापमान में बहुत तेजी से गिरावट हो रही है। अतः ऐसी स्थिति में जब हवा में गति न हो तथा शरीर में तेजी से थरथराहट महसूस हो रही हो, तो फसलो पर पाला पडने की सभावना हो सकती है। लगातार कम तापमान होने की स्थिति में रबी फसलों में पाला पडने की संभावना हो सकती है। 

फसलों पर शीतलहर और पाला का प्रभाव Effect of cold wave and frost on crops:

शीतलहर और पाला से गेहूं और चना की फसलों में 15 फीसदी तक नुकसान हो सकता है। पाले के प्रभाव से पौधों की पत्तियां और फूल झुलसे हुए दिखाई देते है और बाद में झड़ने लग जाते हैं। यहां तक उनमें झारियां पड़ जाती है और कलिया गिर जाती है। फलियों एवं बालियों में दाने नहीं बनते हैं और बन रहे दाने सिकुड़ जाते हैं। दाने कम भार के और पतले हो जाते है रबी फसलों में फूल आने एवं बालियां, फलियां आने व उनके विकसित होते समय पाला पड़ने की सर्वाधिक संभावनाएं रहती है।

शीतलहर और पाला से फसलों को सुरक्षित रखने के उपाय:

  1. फसलो को पाले से बचाने के लिये रात के समय स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करें, खेत में धुंआ पैदा करने के लिये खेत की मेड पर कूड़ा-कचरा जलायें। 
  2. दो लोगो के द्वारा रस्सी को पकड कर फसल के ऊपर चलाने से पौधे पर जमी हुई ओस की बूंदे जमीन पर गिर जाती है, जिससे फसल को पाला से बचाया जा सकता है। 
  3. पौधशालाओं कें पौधों और नगदी सब्जी वाली फसलों में भूमि के ताप को अधिक करने के लिए फसलों को टाट, पॉलीथिन अथवा भूसे से ढक दें।
  4. जब पाला पडने की संभावना हो तब खेत में सिंचाई करनी चाहिए। इससे जमीन में काफी देर तक गर्मी रहती है। 
  5. जब पाला पडने की संभावना हों तब फसलों पर गंधक 0.1% घोल का छिड़काव करना चाहिए। इसके लिए एक लीटर गंधक के घोल को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टयर क्षेत्र में प्लास्टिक के स्प्रेयर से छिड़काव करें।

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