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रबी फसलों की बुबाई दिसम्बर माह के अंतिम चरणों तक चलती है। बोई गई फसलों पर कीट-पतंगो और बीमारियों के प्रकोप की निगरानी रखें। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि रात के तापमान में बहुत तेजी से गिरावट हो रही है। अतः ऐसी स्थिति में जब हवा में गति न हो तथा शरीर में तेजी से थरथराहट महसूस हो रही हो, तो फसलो पर पाला पडने की सभावना हो सकती है। लगातार कम तापमान होने की स्थिति में रबी फसलों में पाला पडने की संभावना हो सकती है।
शीतलहर और पाला से गेहूं और चना की फसलों में 15 फीसदी तक नुकसान हो सकता है। पाले के प्रभाव से पौधों की पत्तियां और फूल झुलसे हुए दिखाई देते है और बाद में झड़ने लग जाते हैं। यहां तक उनमें झारियां पड़ जाती है और कलिया गिर जाती है। फलियों एवं बालियों में दाने नहीं बनते हैं और बन रहे दाने सिकुड़ जाते हैं। दाने कम भार के और पतले हो जाते है रबी फसलों में फूल आने एवं बालियां, फलियां आने व उनके विकसित होते समय पाला पड़ने की सर्वाधिक संभावनाएं रहती है।
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