श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिये सरकार की प्राथमिकता है, जिससे एक स्वस्थ और उत्पादक कार्यबल तैयार हो सके और 'विकसित भारत' की दिशा में प्रगति हो। श्रम और रोजगार मंत्री के मार्गदर्शन में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के साथ जोड़ने का अहम कदम उठाया गया है। इस पहल से 14.43 करोड़ से अधिक ईएसआई लाभार्थियों और उनके परिवारों को उच्च गुणवत्ता और व्यापक चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच मिलेगी।
26 नवंबर 2024 को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव, श्रीमती सुमिता दावरा ने इन दोनों योजनाओं के समन्वय की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान ESIC के महानिदेशक श्री अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इस समन्वय के तहत ईएसआई लाभार्थी अब देशभर के 30,000 से अधिक AB-PMJAY से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में द्वितीयक और तृतीयक चिकित्सा सेवाओं का लाभ बिना किसी वित्तीय सीमा के ले सकेंगे। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में वृद्धि होगी, बल्कि उपचार लागत भी पूरी तरह से कवर होगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती और सुलभ बनेंगी।
वर्तमान में ईएसआई योजना के तहत 165 अस्पताल, 1590 डिस्पेंसरी, 105 डिस्पेंसरी-कम-शाखा कार्यालय (DCBO) और लगभग 2900 निजी अस्पताल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। AB-PMJAY के साथ इस समन्वय से ईएसआई योजना के मौजूदा बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे श्रमिकों और उनके आश्रितों को बेहतर और सुलभ चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।
देशभर में ईएसआई योजना का विस्तार: ईएसआई योजना अब देश के 788 जिलों में से 687 जिलों में लागू हो चुकी है, जबकि 2014 में यह केवल 393 जिलों में उपलब्ध थी। पिछले 10 वर्षों में इस योजना में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है। PMJAY के साथ साझेदारी से ईएसआई योजना को उन जिलों में भी विस्तारित किया जा सकेगा, जहां यह अभी तक लागू नहीं है।
स्वास्थ्य सेवाओं में समता और सामाजिक सुरक्षा को मिलेगा बढ़ावा: ESIC और AB-PMJAY के समन्वय से सामाजिक सुरक्षा तंत्र में सुधार होगा, स्वास्थ्य सेवाओं में समता आएगी और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं जरूरतमंदों तक आसानी से पहुंचेंगी। इसके साथ ही देशभर के धर्मार्थ अस्पतालों को भी ईएसआई लाभार्थियों के उपचार के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। यह समन्वय सरकार के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
ये भी पढें...