मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) द्वारा आयोजित "पशुपालन और पशु कल्याण जागरूकता माह" को अधिक प्रभावी बनाने के लिए 13 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है। यह अभियान 14 जनवरी 2025 से शुरू हुआ था और पहले 13 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाना था। अब इसे पूरे देश में पशुपालन, पशु स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक और महीने तक बढ़ा दिया गया है।
इस अभियान के तहत, राज्य पशुपालन विभागों के सहयोग से पशुपालकों, पशु चिकित्सकों, किसानों और अन्य हितधारकों के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष डैशबोर्ड भी विकसित किया गया है, जिसमें सभी कार्यक्रमों की जानकारी दर्ज की जा रही है। 14 फरवरी को एक वेबिनार आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल सहित 23,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रो. बघेल ने वेबिनार में पशुपालन क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह खाद्य सुरक्षा, रोजगार और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है। लाखों किसान दूध, मांस, अंडे, ऊन और चमड़े के लिए पशुपालन पर निर्भर हैं। सरकार इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए राष्ट्र्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, पशु स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम जैसी योजनाओं पर कार्य कर रही है।
उन्होंने लिंग-छांटित वीर्य (Sex-Sorted Semen) तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि यह बछिया जन्म दर बढ़ाने और आवारा पशु समस्या को हल करने में मददगार होगी। इसके अलावा, कृत्रिम गर्भाधान (AI) और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी तकनीकों को बढ़ावा देकर पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने की योजना है।
यह जागरूकता अभियान आधुनिक पशुपालन तकनीकों को अपनाने, पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य है कि यह पहल पशुपालकों तक पहुँचकर उन्हें वैज्ञानिक पद्धतियों और सरकारी योजनाओं से जोड़ सके।