प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के सभी पात्र किसानों के लिए फार्मर आईडी बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस योजना से लाभान्वित किसानों की फार्मर आईडी बनाने का कार्य जारी है, लेकिन जो किसान अब तक आईडी नहीं बनवा पाए हैं, उनके लिए 20 मार्च तक विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि एसडीएम और तहसीलदार 3 से 5 ग्राम पंचायतों के क्लस्टर में शिविर आयोजित कर बची हुई फार्मर आईडी बनवाएं। साथ ही, पटवारियों को प्रतिदिन कम से कम 10 फार्मर आईडी बनाने का लक्ष्य दिया जाए। इसके अलावा, डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए पंजीकृत युवाओं एवं कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से भी फार्मर आईडी जनरेट कराई जाए।
कलेक्टर ने क्लस्टरवार शिविरों की तिथियां निर्धारित करने और आयोजन की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक शिविर के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति होगी और ग्राम पंचायत सचिव, पटवारी एवं कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारी किसानों की फार्मर आईडी बनाने में सहयोग करेंगे। इस दौरान, खसरा नंबर के साथ किसान की आधार संख्या को लिंक कराया जाएगा, ताकि भविष्य में उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने में परेशानी न हो।
शिविर में किसानों को फार्मर आईडी से मिलने वाले लाभों की जानकारी भी दी जाएगी। इसके अलावा, सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया है कि शिविरों के आयोजन के बाद प्रतिदिन गूगल शीट पर फार्मर आईडी निर्माण की प्रगति अपडेट करें। शिविरों की खबरों एवं तस्वीरों को सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचारित करने पर भी जोर दिया गया है।
शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने पर मिलेगा प्रोत्साहन:प्रत्येक शिविर के लिए शासन द्वारा ₹15,000 की राशि निर्धारित की गई है, जो शिविर में 50% से अधिक किसानों के पंजीयन पर ही प्राप्त होगी। इसके अलावा 15% फार्मर आईडी जनरेट करने पर ₹5,000, 30% फार्मर आईडी जनरेट करने पर अतिरिक्त ₹5,000, 100% लक्ष्य पूरा करने पर पूरी राशि प्रदान की जाएगी।
किसान सम्मान निधि से वंचित हो सकते हैं अपंजीकृत किसान: कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि यदि किसानों की फार्मर आईडी नहीं बनी तो वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि से वंचित हो सकते हैं। इसलिए इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और तय समय सीमा में फार्मर आईडी निर्माण का लक्ष्य पूरा किया जाए।