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नई दिल्ली, खेती किसानी में तकनीक का बड़ा महत्व है। नई नई तकनीक का इस्तेमाल करके किसान फसलों की अधिक उपज लेकर मुनाफा कमाते हैं। ऐसे में कुछ तकनीक किसानों के लिए वैज्ञानिक तैयार करते हैं तो कुछ किसान खुद ही काम की तकनीक खोज लेते हैं। ऐसे ही एक किसान महाराष्ट्र के बारामती में रहते हैं। उन्होंने खेत पर कई तरीके के काम करने के लिए अपनी बाइक को ही ट्रैक्टर बना लिया है। जी हां ऐसा उन्होंने किया है अपनी स्प्लेंडर बाइक में। अब यह जुगाड़ का ट्रैक्टर उनके काफी काम आ रहा है और दूसरे किसान उनसे इसके बारे में समझने आ रहे हैं।
इस किसान का नाम है आप्पा साहेब बावकर। उन्होंने एक कबाड़ की मोटरसाइकिल को जोड़कर एक मिनी ट्रैक्टर बनाया है, जो खेत में काम करता है। इस ट्रैक्टर की मदद से खेती में बुआई और छिड़काव जैसे काम आसानी से हो रहे हैं। इस ट्रैक्टर को बारामती कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित कृषि प्रदर्शनी में भी रखा गया। वहां यह किसानों का ध्यान खींच रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आप्पा साहेब बावकर का कहना है कि खेती में तंत्रज्ञान तो बढ़ रहा है, लेकिन मजदूरों की कमी के कारण किसान परेशान हैं। मजदूरों की कमी के कारण दिक्कत हो रही है। बैल जोड़ी की मदद से हल चलाना, फसलों की बुवाई करना साथ ही फसलों पर छिड़काव करना ज्यादा समय वाला और खर्चीला भी होता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए यह बाइक से मिनी ट्रैक्टर बनाया गया है। एक पुरानी स्प्लेंडर बाइक का पीछे का टायर खोलकर वहां हल और बुआई की सामग्री के लिए जुगाड़ किया गया है। इससे किसानों को काफी हद तक कम पैसे में मदद मिल जाएगी।
बप्पा साहेब बावकर ने बताया है कि उन्होंने बाइक पर थोड़ा सा खर्च करके घर पर ही जुगाड़ से ट्रैक्टर बना लिया। इस बाइक में पिछले टायर हटा दिए गए हैं और उसकी जगह खेत जोतने वाला हल लगाया दिया गया है। इसके साथ ही दो टायर जोड़कर बाइक को मिनी ट्रैक्टर का लुक दिया गया है। बाइक को ट्रैक्टर में बदलने के बाद ये किसान इससे अपने खेत जोत रहा है। उन्होंने इस ट्रैक्टर के ऊपर एक शेड भी लगाया है ताकि किसान धूप से बच पाए।
आप्पा साहेब बावकर ने अपने इस ट्रैक्टर में स्प्लेंडर बाईक के इंजन में जुगाड़ करके रिवर्स गियर का भी इंतजाम किया है। इसके लिए एक बक्सा तैयार करके वहा क्लच प्लेट और रिवर्स गियर लगाया गया है। रिवर्स गियर में बाइक डालते ही ट्रैक्टर पीछे की तरफ दौड़ने लगता है। इस मिनी ट्रैक्टर की खासियत यह है कि यह तीन पहिया होने के कारण कम जगह में मुड़ सकता है। इस जुगाड़ की मदद से एक लीटर पेट्रोल में एक एकड़ जमीन तक फसलों का कल्टीवेशन, छिड़काव और बुवाई की जा सकती है।