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देशभर के लगभग 10 राज्यों के किसानों को कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने धान और मक्का जैसी प्रमुख फसलों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। विशेषकर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के राज्यों के किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी पकी फसलों को पानी और कीटों से बचाने के उपाय करें। हालिया बारिश के चलते कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे फसलों के सड़ने का खतरा बढ़ गया है। इसी को देखते हुए किसानों को तुरंत आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेषज्ञों ने यह भी बताया है कि वर्तमान मौसम सब्जी फसलों के लिए बेहद अनुकूल है। पालक, मूली, शलगम, धनिया, मटर जैसी सब्जियों की बुवाई के लिए किसानों को यह सही समय बताया गया है। इन फसलों की बुवाई के लिए उपयुक्त मौसम और जलवायु स्थितियों का फायदा उठाने पर जोर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के किसानों को धान, मक्का और मूंग की पकी फसलों की कटाई और तुड़ाई का काम तुरंत शुरू करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, बारिश के कारण इन फसलों के पानी में डूबने से बचाव करने के उपाय करने की आवश्यकता बताई गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन फसलों के सड़ने का खतरा अधिक है, इसलिए उन्हें तुरंत सुरक्षित जगह पर ले जाना चाहिए। साथ ही, जम्मू-कश्मीर के किसानों को तोरई, मक्का, प्याज और लहसुन की बुवाई का यह समय उपयुक्त बताया गया है।
हिमाचल प्रदेश के किसानों को इस मौसम में पालक, मूली, शलगम, धनिया, मटर, लहसुन, चुकंदर और मेथी जैसी फसलों की बुवाई करने की सलाह दी गई है। कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि यह फसलें इस समय अच्छे से विकसित हो सकती हैं और किसानों को अधिक लाभ प्रदान कर सकती हैं।
उत्तराखंड के किसानों को टमाटर की फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, गन्ने की बुवाई का काम भी जारी रखा जा सकता है। पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को धान और अन्य रबी फसलों की बुवाई के लिए यह सही समय बताया गया है, और उन्हें जलस्तर नियंत्रित रखने की सलाह दी गई है।