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गर्मियों में तेज धूप के कारण पानी अत्यधिक गर्म हो जाता है जिससे मछलियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जिस कारण झींगा ही नहीं मछलियां भी तेज गर्मी के चलते तालाब में ही मर जाती हैं। उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। हर दिन तापमान बढ़ रहा है। वहीं गर्मियों के मौसम में मछली पालन करने वाले किसानों की चिंता बढ़ गई है जिससे में तालाब का पानी जल्दी सूख जाता है। ऐसे में किसानों को अपने तालाबों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।
यूपी मऊ के जिला मत्स्य अधिकारी कैश अहमद ने बताया कि 40 डिग्री के ऊपर तापमान में मछलियों के तालाब का पानी उबलने जैसा हो जाता है। पानी तेज गर्म होने की वजह से उसमें ऑक्सीजन की मात्रा भी कम हो जाती है। जिसकी वजह से झींगा ही नहीं दूसरी मछलियां भी तेज गर्मी के चलते तालाब में दम तोड़ने लगती हैं।
मत्स्य अधिकारी ने बताया कि मछलियों पर तापमान का असर न हो इसके लिए तालाब के पानी को गर्मियों में रोजाना बदलते रहें। तालाब में पानी का लेवल 5 फीट के अंदर ही रखना चाहिए। इसके साथ ही अगर तालाब का पानी हरे रंग का दिखाई देने लगे तो मछलियों के लिए चारे की मात्रा को कम कर दें। कैश अहमद ने आगे बताया कि तालाब में चूना पानी का छिड़काव करना चाहिए। इसके लिए चूने को 24 घंटा पहले भिगो लेना चाहिए, फिर पूरे तालाब में उसका छिड़काव करना चाहिए। इससे तालाब में ऑक्सीजन का लेवल बना रहता और मछलियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
जिला मत्स्य अधिकारी बताते हैं कि गर्मियों में तापमान बढ़ने से अगर मछलियों में कोई बीमारी हों रही हो तो पोटेशियम परमैग्नेट या लाल दवा का छिड़काव तालाब में करना चाहिए। इससे तालाब में ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहता और मछलियां मरती नहीं हैं। गर्मी के मौसम में सघन मत्स्य पालन नहीं करना चाहिए। तालाब में यदि ज्यादा मछलियां हों गईं हों, तो कुछ मछलियों को दूसरे तालाब में शिफ्ट कर देना चाहिए। एक लीटर अच्छे पानी में 100 ग्राम गुड़ के साथ दो से तीन ग्राम विटामिन सी घोलकर दें।