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जैविक खेती से किसानों की आय में वृद्धि, जैविक उत्पादों निर्यात को 20,000 करोड़ का लक्ष्य

जैविक खेती
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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली स्थित भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार, पूसा में राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि भारत के जैविक उत्पादों का कुल निर्यात मूल्य अगले तीन वर्षों में 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। कार्यक्रम के दौरान NPOP पोर्टल और जैविक प्रमोशन पोर्टल का अनावरण किया गया, जिससे जैविक क्षेत्र के हितधारकों को अधिक पारदर्शिता और सुगमता प्राप्त होगी।

PM और केंद्रीय गृह मंत्री का योगदान:

अपने संबोधन में श्री गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जैविक खेती के महत्व को अपने पहले संसदीय भाषण में रेखांकित किया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने जैविक खेती के वैश्विक महत्व और इसके दूरगामी लाभों का उल्लेख किया था। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने TraceNet 2.0 इलेक्ट्रॉनिक सेवा पोर्टल की आवेदन प्रक्रिया को सरल और कम लागत वाला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह पोर्टल जैविक उत्पादों के संचालन में पारदर्शिता और नियामक निरीक्षण के लिए उन्नत उपकरण प्रदान करता है।

जैविक खेती के लाभ:

श्री गोयल ने कहा कि जैविक खेती, जल संकट, उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता और फसल उत्पादन पर होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने में मदद करती है। जैविक खेती को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है बल्कि वैश्विक बाजार में भारत के जैविक उत्पादों की स्थिति मजबूत करने में भी मदद करेगी।

जैविक उत्पादों के विपणन और पैकेजिंग पर जोर: उन्होंने कहा कि जैविक उत्पादों के सही मूल्य निर्धारण के लिए उनके विपणन और पैकेजिंग पर ध्यान देना जरूरी है। इससे रोजगार सृजन और वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान मजबूत होगी। जैविक उत्पादकों के समूहों के लिए प्रमाणन आवश्यकताओं को सरल बनाया गया है और इन्हें आंतरिक नियंत्रण प्रणाली के बजाय कानूनी दर्जा प्रदान किया गया है। इस कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी प्रतिनिधियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), प्रमुख जैविक कंपनियों और 1000 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

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