किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देकर खेती को लाभदायक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। आत्मा योजना के तहत किसानों को अधिक उत्पादन के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को राज्य से बाहर भी प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है, जहां उन्हें वर्मी कम्पोस्ट निर्माण और विपणन (मार्केटिंग) के उन्नत तरीके सिखाए जाते हैं।
किसान अपने पास उपलब्ध पशुधन से गोबर और कचरा एकत्रित कर वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रहे हैं। प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों ने गेहूं और धान की बेहतर उपज हासिल की है। सब्जियों की उन्नत तकनीकों को अपनाकर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं।
वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन से किसानों की आय में इजाफा: खेती की लागत में कमी आने और उत्पादन बढ़ने से किसान परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन से किसानों की आय में भी इजाफा हो रहा है।
जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अब तक 42,514 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है।
किसानों के बैंक खातों में धान का भुगतान: किसानों को उनकी फसल की राशि आधार लिंक्ड बैंक खातों में अंतरित कर दी गई है। खरीदी गई धान का परिवहन भी पूरा कर लिया गया है। 23 जनवरी 2025 को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की अंतिम तिथि थी।
सरकार के प्रयास: सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और समय पर की गई खरीदी ने किसानों को बेहतर अवसर प्रदान किए हैं। प्रशिक्षण और नई तकनीकों को अपनाकर किसान न केवल अपनी खेती में सुधार कर रहे हैं, बल्कि अपने जीवन स्तर को भी ऊपर उठा रहे हैं।