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पशुपालकों के सामने अपने मवेशियों को लेकर कुछ समस्याएं आती हैं। जैसे उन्हें रोग लगना और इस ठंड के मौसम में उनकी देखभाल करने के साथ ही दूध उत्पादन की देखरेख करना। जल्द ही मौसम बदलेगा और मौसम में तपिश बढ़ जाएगी। इसके असर से गाय भैंस काम दूध देने लगती हैं। गर्मी की वजह से उनकी दूध देने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में दूध का उत्पादन कम होने से मवेशी पालकों की कमाई भी कम हो जाएगी। ऐसे में आज हम पशुपालकों को दूध बढ़ाने की ऐसी दवा बताएंगे जो घर पर आसानी से बन जाती है। इससे पशुओं की सेहत भी नहीं खराब होती है।
किसान अपने पशुओं को लोबिया खिला सकते हैं। लोबिया पूर्ण रूप से प्राकृतिक दवा है। इसमें किसी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है। कहा जाता है कि लोबिया खिलाने से भैंस की दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है। खास बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। वैज्ञानिकों ने भी इस दवा को मवेशियों के लिए कारगार बताया है। वैज्ञानिकों की माने तो लोबिया में प्रोटीन और फाइबर प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए यह दुधारू मवेशियों के लिए सबसे ज्यादा कारगर दवा है। प्रोटीन और फाइबर के चलते भैंस और गायें ज्यादा दूध देने लगती हैं।
किसानों के पास पशुओं को दबा के तौर पर आता और सरसों का तेल देने का विकल्प भी होता है। इससे उनकी दूध देने की क्षमता बढ़ती है। इसके लिए किसान आटे और सरसों के तेल को मिलाकर गोली बना लें और मवेशी को खिला दें। इससे गाय भैंस कुछ समय में ज्यादा दूध देने लगेंगी। गोली बनाने के लिए 300 ग्राम सरसों का तेल और 300 ग्राम ही गेहूं का आटा लेकर साथ में मिला लें। फिर इनकी गोलियां बना लें। मवेशियों के चारा खाने और पानी पीने के बाद ही गोली खिलाएं।
जानकारों के मुताबिक गर्मी के मौसम में मवेशी चिड़चिड़े हो जाते हैं। इसके साथ ही उनकी पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है। इससे वे चारा खाना कम कर देते हैं, जिससे उनका दूध उत्पादन कम हो जाता है। ऐसे में कई किसान मवेशियों का दूध बढ़ाने के लिए उन्हें ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाते हैं। पर उन्हें मालूम होना चाहिए कि इससे उनके सेहत पर बुरा असर पड़ता है। सरकार की ओर से भी देश में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन पर रोक लगाई गई है।