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Crop Sowing in Hindi: फरवरी में किसानों को करनी चाहिए इन फसलों की बुवाई, जानें इसका तरीका

फरवरी-में-किसानों-को-करनी-चाहिए-इन-फसलों-की-बुवाई
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जनवरी में किसानों को ठंड और पाले नई खूब सताया। कई फसलों को इससे नुकसान पहुंचा। लेकिन अब फरवरी आ गई है। ठंड का असर कम हो रहा है। खेतों में सरसों की फसल लहलहा रही है। ऐसे में कुछ और फसलें भी हैं जिन्हें किसानों को फरवरी में बोना चाहिए। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि इस माह में किन फसलों की बुवाई करनी चाहिए। इनसे किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

गन्ने की करें बुवाई Sow Sugarcane: 

जानकारों के अनुसार किसान 15 फरवरी के बाद गन्ने की बुवाई शुरू कर सकते हैं। गन्ने की मोटाई के अनुसार 20-24 क्विंटल तीन-तीन आंख के या दो-दो आंख के बीज प्रति एकड़ की जरूरत पड़ती है। किसान इस बात का ध्यान दें कि किसान गन्ने का जो बीज इस्तेमाल करें, वो पक्के तौर पर बीमारी रहित होना चाहिए। इसके बावजूद बुवाई से पहले बीजों को अच्छी किस्म के फफूंदीनाशक से उपचारित कर लेना चाहिए। 

भिंडी की करें बुवाई Sow Okra:

विशेषज्ञ कहते हैं कि भिंडी की फ़सल की बुवाई के लिए फरवरी सबसे अच्छा महीना है। बुवाई के लिए पौधे से पौधे की दूरी 15 से 20 सेमी रखें। कतार से कतार की दूरी 25 से 30 सेमी रखनी चाहिए। जायद भिंडी के बीजों को बोने से पहले 12-24 घंटे तक पानी में भिगोने से अंकुरण अच्छा होता है। बुवाई से पहले भिंडी के बीज को 3 ग्राम थीरम या कार्बेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करना चाहिए। 

टमाटर के लिए अच्छा समय:

टमाटर के लिए बुवाई करने का यह सही समय है। इसके लिए प्रति एकड़ नाइट्रोजन-40 किलोग्राम, फास्फोरस-32 किलोग्राम और पोटाश 24 किलोग्राम का प्रयोग करना चाहिए। रोपाई से पहले एक तिहाई नेत्रजन, फास्फोरस और पोटाश पूरी मात्रा में मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना चाहिए। टमाटर के पौधों की रोपाई 45 बाई 60 सेंटीमीटर के फासले पर करें। रोपाई धूप ढलने के बाद यानी शाम के वक्त करें। रोपाई के बाद बगैर चूके हल्की सिंचाई करें। 

बैंगन की रोपाई कैसे करें How to Plant Brinjal?

यह महीना बैंगन की रोपाई के लिहाज से भी मुफीद होता है। बेहतर फसल के लिए रोपाई से पहले खेत की कई बार जुताई कर के उसमें गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद भरपूर मात्रा में मिलाएं। इसके अलावा खेत में 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 32 किलोग्राम फॉस्फोरस और 30 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ की दर की जरूरत होती है। रोपाई से पहले एक तिहाई नेत्रजन, फास्फोरस और पोटाश पूरी मात्रा में मिट्टी में अच्छी तरह डाल कर अच्छी तरह खेत की मिट्टी में मिला दें। पंक्तियों के बीच 60 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 50 सेंटीमीटर की दूरी रखकर रोपण करने की सलाह दी जाती है। बैंगन के पौधों की रोपाई भी, सूरज ढलने के बाद, यानी शाम के वक्त ही करें, क्योंकि सुबह या दोपहर में रोपाई करने से धूप की वजह से पौधों के मुरझाने का डर रहता है। रोपाई करने के फ़ौरन बाद पौधों की हल्की सिंचाई करें।

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