देश में किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नई योजनाएँ चला रही हैं। इसी दिशा में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। इसके साथ ही झींगा मछली पालन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती, कृषक उत्पादक संगठन (FPO), कृषि यंत्रीकरण और एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर समर्थन मूल्य देने की योजना बना रही है। इसके अलावा, किसानों को FPO से जोड़कर उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने, आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और एग्रो टूरिज्म को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
राज्य सरकार किसानों को विविधिकृत खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देशी गाय खरीदने पर 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही थी, जिसे जल्द ही 30,000 रुपये तक बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, किसानों को प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग देने के लिए हरियाणा में कुरुक्षेत्र (गुरुकुल), करनाल (घरौंडा), सिरसा (जींद) और मँगियाना में चार प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण केंद्र शुरू किए गए हैं।
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फसल अवशेष जलाने की समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों पर 50 से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। अब तक 1,00,882 मशीनें वितरित की जा चुकी हैं। इसके अलावा, सरकार धान अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को 1,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दे रही है। वहीं, ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत धान के बजाय अन्य फसलें उगाने पर 7,000 रुपये प्रति एकड़ और धान की सीधी बुवाई अपनाने पर 4,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी जा रही है। पराली जलाने को रोकने के लिए रेड जोन पंचायतों को 1,00,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने पर जोर: कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि तकनीक, एफपीओ और एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देकर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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