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मध्य प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य है। अक्टूबर 2024 के पहले सप्ताह के में ही सोयाबीन की कीमतों में गिरावट का सामना कर रहा है। साथ ही मंडियों में भी सोयाबीन की आवक में गिरावट आई है। अक्टूबर के शुरूआती अवस्था में ही कुल 79,997 टन सोयाबीन मंडियों में बिक्री के लिए आई।
अक्टूबर 2024 का माह चालू होते ही एमपी में सोयाबीन की औसत थोक कीमत ₹4,112 प्रति क्विंटल रही, जो सितंबर 2024 के अंतिम सप्ताह में ₹4,280 प्रति क्विंटल थी। यह 3.93% की कमी आयी है। सितंबर के तीसरे सप्ताह में यह कीमत ₹4,432 प्रति क्विंटल थी, जो और भी अधिक थी। इस गिरावट की दर तब 7.22% तक बढ़ जाती है। अक्टूबर 2023 के पहले सप्ताह में सोयाबीन का मूल्य ₹4,174 प्रति क्विंटल था, जो 2024 की तुलना में करीब 1.49% अधिक था। इससे पता चलता है कि कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में भी नीचे है।
सोयाबीन के थोक मूल्य में गिरावट के कारण मंडियों में सोयाबीन की आवक में भारी कमी देखी गई है। इस वर्ष अक्टूबर के पहले सप्ताह में 79,997 टन सोयाबीन मंडियों में बिक्री के लिए आई, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह मात्रा 1,85,194 टन थी। यह 56% की कमी को दर्शाता है। किसानों का कहना है कि सरकार जल्द ही सोयाबीन की एमएसपी पर खरीद शुरू करेगी। किसानों को उम्मीद है कि जब सरकार MSP पर खरीद करेगी, तब वे अपनी फसल मंडियों में लेकर आएंगे और उचित मूल्य प्राप्त करेंगे। एमपी सरकार ने 25 अक्टूबर से एमएसपी मूल्य पर सोयाबीन की खरीद शुरू करने की घोषणा की है, और यह 31 दिसंबर तक चलेगी।
जबकि मध्य प्रदेश में कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है, अन्य राज्यों में स्थिति थोड़ी भिन्न है। महाराष्ट्र में सोयाबीन की कीमत ₹4,237 प्रति क्विंटल रही, जो पिछले सप्ताह ₹4,414 प्रति क्विंटल थी, और यहां 4.01% की गिरावट आई। गुजरात में मामूली 0.32% की गिरावट देखी गई, जहाँ कीमत ₹4,404 प्रति क्विंटल से घटकर ₹4,390 प्रति क्विंटल हो गई। हालांकि, छत्तीसगढ़ जैसे कुछ राज्यों में कीमतों में वृद्धि देखी गई है। छत्तीसगढ़ में सोयाबीन की कीमत ₹4,310 प्रति क्विंटल रही, जो पिछले सप्ताह ₹4,241 थी, और यहाँ 1.63% की वृद्धि दर्ज की गई। मध्य प्रदेश में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट और मंडियों में आवक की कमी से स्पष्ट है कि किसान MSP पर सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे हैं।