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मध्यप्रदेश में मूंग किसानों को एमएसपी मूल्य पर बेची गई फसल का मूल्य अभी तक नहीं मिला है, जिससे किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में हजारों किसानों को अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेची गई ग्रीष्मकालीन मूंग का भुगतान नहीं मिला है। कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनकी फसल का भुगतान पिछले एक महीने से रूका हुआ है। सरकार ने मूंग खरीद शुरू होने से पहले सात दिनों के भीतर फसल खरीद का भुगतान करने का दावा किया था।
सीहोर जिले के किसान स्वराज संगठन के संस्थापक भगवान मीणा ने रूरल वॉयस को बताया कि पिछले डेढ़ महीने से उनकी फसल का भुगतान लंबित है। ऐसे हजारों किसान हैं जिन्हें अभी तक उनका पैसा नहीं मिला है। मीणा ने कहा कि किसान की आजीविका पूरी तरह खेती पर निर्भर होती है। अगर फसल का भुगतान समय पर नहीं होता तो किसान अपने परिवार का पालन-पोषण और अगली फसल की तैयारी कैसे करेगा? उन्होंने सरकार से मांग की है कि किसानों का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए।
मध्य प्रदेश के प्रकोष्ठ अध्यक्ष ने भी इस मुद्दे पर कहा कि प्रदेश में लगभग 10 लाख मूंग किसान हैं, जिनमें से आधे किसानों को अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले दावा किया था कि एक हफ्ते के अंदर भुगतान हो जाएगा, लेकिन अभी तक नही हुआ है। उन्होंने सरकार से किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेने की मांग की। प्रदेश में मूंग की पूरी खरीद के दौरान किसानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि सरकार ने खरीद की तारीख तो बढ़ाई, लेकिन सॉफ्टवेयर में लगातार गड़बड़ी के कारण फिर से किसानों को स्लॉट बुकिंग में समस्याएं आईं, जिससे कई किसान एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच पाए।