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मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत पपीता विकास योजना के बारे में आपने सुना है? यह योजना पपीता की खेती को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। हम इस योजना के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे और आपको बताएंगे कि आप इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं।
मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत पपीता विकास योजना का उद्देश्य बिहार राज्य के सभी जिलों में पपीता की खेती को बढ़ावा देना है। यह योजना कृषकों को पपीता की खेती में सहायता प्रदान करती है और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है।
योजना का लाभ क्षेत्र: योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हे०) के लिए दिया जाएगा। इससे छोटे और बड़े दोनों प्रकार के किसानों को फायदा मिलेगा।
पौध रोपण सामग्री की आपूर्ति सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली एवं प्लग टाईप नर्सरी, कटिहार तथा भोजपुर जिलों से की जाएगी। इससे किसानों को उच्च गुणवत्ता की पौध सामग्री प्राप्त होगी।
अनुदान की राशि: इस योजनान्तर्गत प्रति हेक्टेयर पपीता की खेती के लिए अनुदान की राशि प्रथम वर्ष 33,750 रूपये तथा द्वितीय वर्ष 11,250 रूपये देय है। यह अनुदान राशि किसानों को पपीता की खेती में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
इस योजना का लाभ रैयत कृषक जमीन के कागजात के आधार पर तथा गैर रैयत कृषक एकरारनामा के आधार पर ले सकते हैं।
लाभुकों का चयन: लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जाएगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
सहायतानुदान का भुगतान नियमानुसार DBT के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा। इससे प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारू होगी और किसानों को उनके अधिकारों का पूरा लाभ मिलेगा।