मध्यप्रदेश के सहकारिता एवं खेल युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में सहकारिता क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाकर इसे मजबूत करने के प्रयास किए हैं और इसकी कमान श्री अमित शाह को सौंपी गई है।
सहकारिता मंत्री श्री सारंग ने जबलपुर में जनप्रतिनिधियों एवं सहकारिता से जुड़े विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, पैक्स समितियों, समर्थन मूल्य पर फसल उपार्जन, किसानों को भुगतान, खाद वितरण और ऋण वसूली जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारिता को सशक्त बनाने के लिए को-ऑपरेटिव, पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (CPPP) मॉडल अपनाया जा रहा है। हाल ही में भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रिलायंस, वैद्यनाथ और पतंजलि जैसी कंपनियों के साथ 2,305 करोड़ रुपये के सहकारिता क्षेत्र से जुड़े एमओयू (MoU) किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सीपीपीपी मॉडल किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाएगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा। उन्होंने सहकारिता क्षेत्र में पारदर्शिता लाने पर जोर देते हुए कहा कि हर ग्राम पंचायत में प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता समिति गठित करने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा सहकारी समितियों को गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप, परिवहन, दुग्ध उत्पादन, वनोपज, जन औषधि केंद्र और मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा ताकि समितियां आत्मनिर्भर बनें।
किसानों को समय पर खाद और भुगतान की व्यवस्था होगी सुनिश्चित:
बैठक में सांसद श्री आशीष दुबे और अन्य जनप्रतिनिधियों ने किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने और समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं-धान का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सहकारिता मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में पैक्स सभाएँ आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में किसानों की समस्याओं और आवश्यकताओं पर चर्चा होगी, जिससे सहकारी समितियां किसानों के लिए अधिक उपयोगी बन सकेंगी।
किसानों को लाभ के लिए समन्वित प्रयास जरूरी: सहकारिता मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे सहकारी बैंकों से लिए गए ऋण को समय पर चुकाएं ताकि बैंकिंग व्यवस्था सुचारु रूप से चले और किसानों को भविष्य में बिना किसी कठिनाई के ऋण मिल सके।