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Food park: जिले को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बनेगा फूड पार्क, किसानों की आय बढ़ने के साथ मिलेंगे रोजगार के अवसर

फूड पार्क
फूड पार्क

एमपी के भिण्ड जिले में पहली बार आयोजित इन्वेस्टर्स मीट में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। इससे किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इस क्षेत्र में निवेश से न केवल जिले की कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी, बल्कि मूल्य संवर्धन के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी।

मंत्री श्री पटेल ने निवेशकों को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार विभिन्न उद्योगों में निवेश बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन प्रयासों से मध्यप्रदेश को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा।

फूड पार्क से किसानों और उद्योगों को मिलेगा नया आयाम Food park will give new dimension to farmers and industries:

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि भिण्ड के ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई विभाग के तहत नुन्हाटा गांव में लगभग 300 हेक्टेयर भूमि पर फूड पार्क प्रस्तावित है। यह फूड पार्क जिले के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है। इससे न केवल किसानों को लाभ मिलेगा, बल्कि उन्हें प्राकृतिक खेती, सब्जियों की इंटरक्रॉपिंग और फलोद्यान विकास के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

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किसानों को मिलेगा सीधा लाभ Farmers will get direct benefits:

फूड पार्क में कृषि उत्पादों की बिक्री और उचित दाम दिलाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए उद्यमियों को किसानों के साथ जोड़ा जाएगा। इस प्रयास से किसान क्रॉप डायवर्सिफिकेशन और सब्जियों की इंटरक्रॉपिंग के प्रति आकर्षित होंगे, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा।

कन्वर्जेंस मॉडल पर आधारित होगा फूड पार्क Food park will be based on convergence model:

फूड पार्क को कन्वर्जेंस मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इसके तहत फूड प्रोसेसिंग से जुड़े विभिन्न उद्योग स्थापित किए जाएंगे, जिससे 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, बेहतर उपकरण, इंक्यूबेशन सेंटर, कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर, खाद्य उत्पादों की सैंपलिंग, टेस्टिंग और पैकेजिंग की उच्चस्तरीय सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

नाबार्ड से मिलेगी सहायता: परियोजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए नाबार्ड से सब्सिडी और अनुदान की व्यवस्था की जा रही है। इससे फूड पार्क में आधुनिक उपकरणों और सेवाओं को सुगमता से उपलब्ध कराया जा सकेगा।

विशेषज्ञों ने साझा की उपयोगी जानकारी: इन्वेस्टर्स मीट में एमएसएमई, एपीडा और डीजीएफटी के विशेषज्ञों ने निवेशकों के साथ फूड प्रोसेसिंग और उद्योग से संबंधित लाभकारी योजनाओं की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह फूड पार्क जिले को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। भिण्ड जिले में फूड पार्क का यह प्रोजेक्ट किसानों की आय बढ़ाने, रोजगार सृजित करने और जिले की आर्थिक समृद्धि के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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