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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 17 दिसंबर को जयपुर में मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच ऐतिहासिक त्रि-स्तरीय अनुबंध होगा, जिससे दो राज्यों के किसानों की तकदीर बदलने वाली पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की शुरुआत होगी। यह परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के स्वप्न को साकार करने का एक बड़ा कदम है।
यह परियोजना मध्यप्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र के 11 जिलों गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी और पेयजल उपलब्ध कराएगी। इससे न केवल किसान परिवारों के जीवन में खुशहाली आएगी, बल्कि उनकी फसलें भी लहलहाने लहलहायेंगी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस परियोजना को एमपी और राजस्थान दोनों राज्यों के लिए एक वरदान बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। मालवा क्षेत्र, जो औषधीय फसलों और अन्य कृषि उत्पादों में अग्रणी है, अब अपनी उपज को दोगुना करने में सक्षम होगा। डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है और सरकार इसे बढ़ाकर 1 करोड़ हेक्टेयर करने के लिए संकल्पित है। इस लक्ष्य को पूरा करने में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
किसानों के जीवन में आयेगी खुशहाली: 17 दिसंबर का दिन न केवल मध्यप्रदेश और राजस्थान बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक होगा, जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में यह अनुबंध होगा। इससे दोनों राज्यों के किसानों के लिए विकास के नए द्वार खुलेंगे और देश में कृषि समृद्धि को नई दिशा मिलेगी। यह परियोजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगी और प्रदेश के आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करेगी।
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