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गेहूं उपार्जन के लिए 42 नए उपार्जन केंद्र निर्धारित, किसानों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं

गेहूं उपार्जन के लिए नए केंद्र घोषित
गेहूं उपार्जन के लिए नए केंद्र घोषित

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार रबी विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन 15 मार्च से 5 मई तक किया जाएगा। कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने जिले की भौगोलिक स्थिति और किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पूर्व निर्धारित गोदामों के अतिरिक्त 42 नए उपार्जन केंद्र तहसीलवार (आष्टा, जावर, इछावर एवं सीहोर) सेवा सहकारी/विपणन समितियों को गेहूं उपार्जन के लिए नियुक्त किया है।

तहसीलवार नए उपार्जन केंद्रों का निर्धारण:

आष्टा तहसील: सेवदा, बागेर, मुगली, बमूलिया भाटी, निपानिया कलां, हकीमाबाद, मैना, सिद्दीकगंज, कोठरी, बेदाखेड़ी, खामखेड़ा जतरा, दुपाड़िया, मेहतवाड़ा, भंवरी कला, जावर, पगारिया हाट, सहकारी विपणन संस्था मर्या आष्टा, फूडरा। 
इछावर तहसील: इछावर, रामदासी, आमला रामजीपुरा, भाऊखेड़ी, रामनगर, जमोनिया फतेहपुर, सहकारी विपणन संस्था इछावर, आमलाहा, धमांदा, दिवड़िया, पचामा, ढाबला, ढाबला केंद्र-2, खामलिया, नापता खेड़ी, बिलकिसगंज, बिलकिसगंज केंद्र-2।
सीहोर तहसील: बमूलिया, उलझावन, बावड़िया चौर, मोगरा राम, महोडिया, सहकारी विपणन संस्था सीहोर, चंदेरी और लालाखेड़ी।

गेहूं उपार्जन केंद्रों पर कार्य प्रणाली:

  1. कार्य दिवस: सोमवार से शुक्रवार
  2. समय: प्रातः 8:00 बजे से सायं 8:00 बजे तक
  3. तौल पर्ची जारी करने का समय: सायं 6:00 बजे तक
  4. गेहूं का उपार्जन भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू (FAO Norms) विनिर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
  5. केंद्रों की श्रेणीकरण प्रक्रिया में भौतिक एवं अन्य सुविधाओं का सत्यापन उपार्जन केंद्र प्रभारी, नोडल अधिकारी और सहायक/कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा किया जाएगा।

उपार्जन केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाएं:

  1. डिजिटल एवं तकनीकी संसाधन: हाई-स्पीड इंटरनेट, निर्बाध बिजली आपूर्ति, कंप्यूटर/लैपटॉप, प्रिंटर, डोंगल, स्कैनर, यूपीएस बैटरी।
  2. सुविधाएं: बैठने की व्यवस्था, पीने का पानी, शौचालय, छाया, पंखे, टेबल-कुर्सी, एफएक्यू गुणवत्ता जानकारी, टोल-फ्री हेल्पलाइन।
  3. सुरक्षा व्यवस्था: अग्निशमन यंत्र, तिरपाल, कवर, फर्स्ट-एड बॉक्स, स्कंध सुरक्षा, चूहों व कीटों से बचाव, बारिश से सुरक्षा।
  4. इलेक्ट्रॉनिक तौल-कांटे: प्रत्येक केंद्र पर कम से कम 4 बड़े इलेक्ट्रॉनिक तौल-कांटे।
  5. फसल सफाई उपकरण: छन्ना, ग्रेडिंग मशीन, मॉइश्चर मीटर, बायोमेट्रिक डिवाइस, डिजिटल हस्ताक्षर प्रणाली।

मानव संसाधन व्यवस्था:

  1. डाटा एंट्री ऑपरेटर: सीपीसीटी अथवा डिप्लोमा/डिग्रीधारी व्यक्ति।
  2. तौल-कांटे संचालन के लिए: तुलावटी एवं इम्माल की नियुक्ति।
  3. गुणवत्ता परीक्षक/सर्वेयर: अधिक उपार्जन मात्रा वाले केंद्रों पर अतिरिक्त कर्मियों की व्यवस्था।

गेहूं विक्रय के लिए आवश्यक दिशानिर्देश:

  1. केवल पंजीकृत किसान ही गेहूं बेच सकेंगे।
  2. स्लॉट बुकिंग अनिवार्य होगी, बुकिंग के 7 दिन के भीतर विक्रय करना होगा।
  3. बिना स्लॉट बुकिंग किए फसल केंद्र पर न लाएं।
  4. 50 किलो गेहूं + 580 ग्राम जूट बोरी वजन के साथ सही मात्रा में तौल की जाएगी।
  5. उपार्जन केंद्र पर फसल का e-KYC सत्यापन (OTP/बायोमेट्रिक) के बाद ही भुगतान होगा।
  6. किसानों को अपनी आधार-लिंक्ड बैंक खाता और मोबाइल नंबर अपडेट रखना आवश्यक होगा।

भुगतान प्रक्रिया एवं पारदर्शिता:

  1. उपार्जन केंद्र पर हर बोरे में टैग और स्टेंसिल लगाना अनिवार्य होगा।
  2. खरीदी गई फसल का भुगतान सीधे किसान के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा।
  3. नापतौल उपकरणों का सत्यापन जिला नापतौल नियंत्रक से कराया जाएगा।
  4. किसान की उपज की तत्काल गुणवत्ता जांच कर खरीदी की जाएगी।
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