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Chatt Par Baagwani: 2025 में छत पर बागवानी से होगी तगड़ी कमाई, सरकार देती है 75% अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन

छत पर बागवानी
छत पर बागवानी

छत पर बागवानी योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में घर की छतों पर फल, फूल और सब्जियों की खेती को बढ़ावा देना है। इस योजना के माध्यम से शहरी निवासियों को प्राकृतिक खेती की दिशा में प्रोत्साहित किया जाता है। इस लेख में हम छत पर बागवानी योजना से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्रदान करेंगे, जिससे इच्छुक व्यक्ति आसानी से इस योजना का लाभ उठा सकें।

इस योजना का उद्देश्य और लाभ:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घर की छत पर खेती करने के लिए प्रेरित करना है। छत पर बागवानी करने से न केवल घरों की सुंदरता में वृद्धि होती है, बल्कि घर के भोजन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। यह योजना विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में फल, फूल और सब्जी उगाने को प्रोत्साहित करती है।

इस योजना के लिए पात्रता:

यह योजना मुख्यतः उन व्यक्तियों के लिए है जिनके पास अपना घर है या अपार्टमेंट में फ्लैट है, जिनकी छत पर 300 वर्ग फीट खाली स्थान हो।

  • स्वयं के मकान की स्थिति: छत पर 300 वर्ग फीट स्थान होना चाहिए, जो किसी भी हस्तक्षेप से मुक्त हो।
  • अपार्टमेंट: अपार्टमेंट के निवासियों को सोसाइटी से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आवश्यक है।

फार्मिंग बेड योजना और गमले की योजना: इस योजना के तहत दो प्रमुख विकल्प हैं: फार्मिंग बेड योजना और गमले की योजना।

फार्मिंग बेड योजना: इस योजना के अंतर्गत 300 वर्ग फीट स्थान के लिए कुल लागत ₹48,574 है। सरकार इस पर 75% अनुदान देती है, यानी ₹36,430.50 का अनुदान मिलेगा, और शेष ₹12,143.50 लाभार्थी को जमा करने होंगे।

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गमले की योजना: गमले की योजना में प्रति इकाई की लागत ₹8,975 है, जिसमें 75% अनुदान ₹6,731.25 मिलेगा। शेष ₹2,243.75 लाभार्थी को जमा करना होगा।

योजना के लिए अधिकतम इकाई सीमा:

  • फार्मिंग बेड योजना: स्वयं के मकान में अधिकतम 2 इकाइयाँ और अपार्टमेंट या शैक्षिक/अन्य संस्थानों में अधिकतम 5 इकाइयाँ प्राप्त की जा सकती हैं।
  • गमले की योजना: गमले की योजना का लाभ किसी व्यक्ति को अधिकतम 5 यूनिट तक ही लिया जा सकता है। संस्थाओं के लिए यह योजना उपलब्ध नहीं है।

चयन प्रक्रिया और भागीदारी:

योजना में चयन हेतु जिला के लक्ष्य के अनुसार विभिन्न जातियों और महिलाओं के लिए प्राथमिकता निर्धारित की गई है:

  • सामान्य जाति: 78.60%
  • अनुसूचित जाति: 20%
  • अनुसूचित जनजाति: 1.40%

साथ ही, कुल भागीदारी में 30% महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

फार्मिंग बेड योजना के घटक:

  • पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम: 40 वर्ग फीट बढ़ने का क्षेत्र और 30 वर्ग फीट वॉकअराउंड क्षेत्र (आकार: 10ft x 10 inch)।
  • ऑर्गेनिक गार्डनिंग किट: 9 महीने के लिए।
  • फल बैग: 24 इंच X 24 इंच के 6 बैग।
  • स्पिनच बैग: 24 इंच X 12 इंच के 5 बैग।
  • फल के पौधे: 6 पौधे।
  • सैपलिंग ट्रे: हर सीजन में 40 पौधे प्रति ट्रे।
  • हैंड स्प्रेयर: 1।
  • ड्रिप इन्स्टॉलेशन: मोटर और बाल्टी के साथ 1 सेट।
  • ऑन-साइट सपोर्ट विजिट: हर महीने 2 बार।

गमले की योजना के घटक:

  • फलों के पौधे: आम, अमरूद, नींबू, चिकू, केला, सेब, बेर आदि।
  • इनडोर/शुद्धिकरण और शो पौधे: जैसे कि अरेका पाम, रबर प्लांट, स्नेक प्लांट, दैफोडिल, क्रोटन, आदि।
  • औषधीय/अरोमैटिक पौधे: पुदीना, तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा, स्टीविया, करी पत्ता, नींबू घास, वासक।
  • स्थायी फूल: जैसे कि गुलाब, चंद्रमुखी, हिबिस्कस, मोगरा, आदि।

बागवानी का रख-रखाव: इस योजना के तहत लाभार्थियों को अपनी छत पर लगाए गए पौधों का रख-रखाव स्वयं के स्तर पर करना अनिवार्य होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बागवानी सफलता प्राप्त करे, आवश्यक देखभाल और पोषण प्रदान करना जरूरी है।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:

  1. इस योजना का लाभ उठाने के लिए बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://horticulture.bihar.gov.in/) पर जाएं।
  2. मांगी गई जानकारी भरें, जैसे व्यक्तिगत विवरण और भूमि से संबंधित जानकारी।
  3. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।

आवेदन करने के बाद, फार्मिंग बेड योजना और गमले की योजना के लिए लाभार्थियों को उनके अंश की राशि जमा करने के लिए बैंक खाता संख्या और अन्य विवरण भेजे जाएंगे। 

  • फार्मिंग बेड योजना में ₹12,143.50 प्रति इकाई और गमले की योजना में ₹2,243.75 प्रति इकाई का भुगतान बैंक खाता संख्या में जमा करना आवश्यक होगा।

निष्कर्ष: छत पर बागवानी योजना शहरी क्षेत्रों के निवासियों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करने का एक बेहतरीन प्रयास है। इस योजना के माध्यम से लोग अपनी छतों का उपयोग फल, फूल और सब्जियाँ उगाने के लिए कर सकते हैं, जिससे न केवल पर्यावरण में सुधार होगा, बल्कि घरों में ताजगी और पोषण भी आएगा।

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