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देश के कई हिस्सों में लहसुन की बड़े स्तर पर खेती की जाती है। लहसुन की मांग पूरे साल बनी रहती है। इस वजह से इससे मुनाफा भी कमाया जा सकता है। ऐसे में किसानों के सामने कुछ चुनौतियां भी आती हैं। जैसे लहसुन की पत्तियों में पीलापन आना। इसके चलते किसानों को अच्छा उत्पादन और मुनाफा नहीं मिल पता है। कई जगहों पर मौसम में परिवर्तन के कारण लहसुन में भयंकर पीलापन देखने को मिल रहा है। पौधों की पत्तियां एक से दो इंच ऊपर से सूख रही हैं। इस समस्या से अधिकांश जगहों पर किसान परेशान हैं। आइए जानते हैं इस समस्या से कैसे छूटकारा पाएं।
जानकारों का कहना है कि मौसम में बदलाव के कारण लहसुन में पीलापन आ जाता है। ऐसा अधिक ठंड और धूप के मिश्रण से होता है। अगर लहसुन की फसल, में ऊपर की तीन चार पत्तियों को छोड़कर नीचे की पत्तियां सूखी हुई हैं तो इसका कारण मौसम है। अगर ऊपर की मुख्य पत्तियां भी सूखी हुई हैं तो यह किसी फंगस जनित रोग भी हो सकता है।
लहसुन को बचाने और उसका पीलापन दूर करने के लिए लहसुन में नाइट्रोजन की मात्रा की पूरी करने के लिए प्रति एकड़ भूमि में 1 किलोग्राम एनपी के 19:19:19 का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही उचित मात्रा में यूरिया का छिड़काव करके भी नाइट्रोजन की कमी दूर की जा सकती है। लहसुन को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि इसमें ज़्यादा पानी न डालें। बहुत अधिक पानी के कारण पत्तियां पीली होकर मुरझा सकती हैं। अपने लहसुन को गहराई से और कभी-कभार पानी देना सुनिश्चित करें।
150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करने से फायदा होगा। वहीं फफूंद लगने पर 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें। अगर जड़ों में कीड़े लग रहे हैं तो नियंत्रण के लिए क्लोरपायरीफॉस 50 प्रतिशत ई.सी. का प्रयोग करना चाहिए। आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने से बचें। डाईथेन एम 45 की दो ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतर से दो छिड़काव करें।