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Garlic prices today: 16 अप्रैल को मध्यप्रदेश में लहसुन के दामों में उछाल, जानें कहां और कितना मिला रेट

लहसुन के भाव में तेजी
लहसुन के भाव में तेजी

हर किसान की मेहनत तब रंग लाती है जब उसे अपनी उपज का सही मूल्य मिले। लेकिन जब मंडी के भाव में उतार-चढ़ाव होता है, तो सही निर्णय लेना चुनौती बन जाता है। खासकर लहसुन जैसी फसल, जिसकी कीमतें हर मंडी में अलग-अलग देखने को मिलती हैं। 16 अप्रैल 2025 को मध्यप्रदेश की मंडियों में लहसुन की कीमतें कहीं उम्मीद से ज़्यादा रहीं, तो कहीं बेहद कम। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कहां कितना भाव मिला, और किस मंडी में बेचना फायदेमंद हो सकता है।

लहसुन मंडी भाव, दिनांक: 16 अप्रैल 2025 (मध्यप्रदेश):

नीचे दी गई तालिका में हम आपको जिलेवार लहसुन की आवक, किस्म और न्यूनतम से अधिकतम भाव की पूरी जानकारी दे रहे हैं।

मंडी का नाम आवक (टन में) वैरायटी न्यूनतम मूल्य (₹/क्विंटल) अधिकतम मूल्य (₹/क्विंटल)
बड़वाह (F&V) 3 औसत 3400 7500
भोपाल 64.93 लहसुन 900 7350
दलौदा 37.97 लहसुन 500 12800
देवरी (F&V) 56.15 औसत 2300 4925
इंदौर 171.8 लहसुन 200 8500
जावरा 17.47 लहसुन 1790 13500
नीमच 8.06 औसत 2200 5150
    लहसुन 6000 9300
पिपल्या 152.7 लहसुन 2211 4911
रतलाम 13.31 देसी 2700 2820
    लहसुन 2591 5700
सैलाना 11.35 लहसुन 160 10890
सीहोर 13.35 लहसुन 2300 5751
शाजापुर 64.2 औसत 1042 4389
    लहसुन 853 5000
शुजालपुर 27.45 देसी 300 7450
सीतामऊ 2.37 लहसुन 2610 5900
उज्जैन 5.89 लहसुन 650 6400

कहां मिला सबसे ऊंचा भाव?

  • दलौदा मंडी में अधिकतम ₹12800/क्विंटल का भाव लहसुन के लिए दर्ज किया गया, जो कि राज्य में सबसे अधिक है।
  • जावरा और सैलाना मंडियों में भी ₹13500 और ₹10890 तक के ऊँचे भाव मिले। 

किसानों के लिए सुझाव:

  1. गुणवत्ता पर दें ध्यान: उच्च गुणवत्ता की लहसुन को बेहतर कीमत मिल रही है। इसलिए सफाई, ग्रेडिंग और भंडारण का विशेष ख्याल रखें।
  2. मंडी का चयन रणनीति से करें: जैसे कि इंदौर में भारी आवक के बावजूद मोडल प्राइस केवल ₹2000 रहा। इसके विपरीत पिपल्या और नीमच जैसी जगहों पर अच्छी कीमतें मिलीं, भले ही आवक कम रही हो।
  3. बिक्री के समय पर गौर करें: सप्ताह के मध्य और त्योहारों से पहले की अवधि में आमतौर पर कीमतें बेहतर रहती हैं।

निष्कर्ष: इस रिपोर्ट से साफ है कि किसानों को अपने उत्पाद की बिक्री से पहले मंडी की चाल और कीमतों की गहराई से जांच करनी चाहिए। गुणवत्ता सुधारने, सही समय पर फसल बेचने और मंडियों की तुलना करके किसान अपने लाभ को दोगुना कर सकते हैं।

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