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भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती का मुख्य साधन सिंचाई है, और कई किसान सिंचाई की समस्या का सामना करते हैं। नलकूप योजना (2024-25) के तहत सरकार उन किसानों को वित्तीय सहायता देने का लक्ष्य रखती है, जो सूक्ष्म सिंचाई योजना के दायरे में आते हैं या जिनका क्षेत्र मखाना की खेती के लिए चिन्हित है। यह योजना खासकर उन जिलों में लाभप्रद साबित हो रही है, जहाँ मखाना की खेती होती है। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से।
इस योजना का उद्देश्य किसानों को सस्ती सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराना है, जिससे वे बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें। इस योजना से किसानों की आय बढ़ेगी और उन्हें सूखे की समस्या से भी राहत मिलेगी।
नलकूप योजना का लाभ उन्हें मिलेगा जो या तो सूक्ष्म सिंचाई योजना के अंतर्गत आते हैं या जिनका क्षेत्र मखाना की खेती के लिए चिन्हित किया गया है।
इस योजना के तहत बिहार के कुछ विशेष जिलों में मखाना की खेती करने वाले किसानों को प्राथमिकता दी गई है। ये जिले हैं।
पात्रता और आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज Documents required for eligibility and application:
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास भूमि-स्वामित्व के दस्तावेज होने चाहिए। रैयत कृषक भूमि के स्वामित्व कागजात के आधार पर तथा गैर-रैयत कृषक एकरारनामा के आधार पर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि भूमि-स्वामित्व में नाम स्पष्ट न हो, तो वंशावली का प्रमाण देना भी आवश्यक है।
न्यूनतम भूमि और कमांड क्षेत्र की आवश्यकताएँ: आवेदक के पास न्यूनतम 0.5 एकड़ भूमि होना अनिवार्य है, और इस नलकूप का कमांड क्षेत्र 8 हेक्टेयर तक होना चाहिए। इस नलकूप का उपयोग केवल ड्रिप सिंचाई या मखाना की खेती के लिए ही किया जाएगा।
अति दोहित एवं संकटपूर्ण पंचायतों में योजना प्रतिबंधित: यह योजना केन्द्रीय भूजल बोर्ड द्वारा चिन्हित अति दोहित एवं संकटपूर्ण पंचायतों में लागू नहीं की जाएगी। इसका कारण यह है कि इन क्षेत्रों में भूजल की समस्या पहले से ही गंभीर है।
योजना के तहत अनुदान दरें:
योजना के तहत विभिन्न वर्गों के लिए अनुदान की दरें अलग-अलग हैं।
दक्षिण और उत्तर बिहार में अनुदान का प्रावधान:
नलकूप की गहराई और इसके सीमाएँ:
दक्षिण बिहार में जल स्तर नीचे होने के कारण नलकूप की अधिकतम गहराई 70 मीटर होगी, जबकि उत्तर बिहार में यह 35 मीटर तक सीमित रहेगी।
नलकूप के संचालन के लिए विद्युत कार्य की जिम्मेदारी
नलकूप हेतु विद्युत कार्य का सम्पूर्ण दायित्व किसान का होगा। इससे योजना का कार्यान्वयन सुचारू ढंग से होगा और अनुदान का भुगतान केवल नलकूप के संचालन के बाद ही किया जाएगा।
मापीपुस्त का अभिलेखन और प्राधिकृत अधिकारी: नलकूप की योजना में मापीपुस्त का अभिलेखन जिला के सहायक निदेशक द्वारा किया जाएगा। इसके लिए जिला के WDT, ATM, BTM, या सूक्ष्म सिंचाई हेतु निबंधित कंपनी के Certified Engineer प्राधिकृत रहेंगे।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
निष्कर्ष: नलकूप योजना 2024-25 का उद्देश्य किसानों को सिंचाई में सहायता प्रदान करना और उनकी आय में वृद्धि करना है। इस योजना के जरिए सरकार कृषि को प्रोत्साहित करने के साथ ही किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है। जो किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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