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हाल ही में हुई बिन मौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसान बेहाल हैं। अचानक बरसात से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। बची हुई फसलों को स्टॉक करने के लिए भी कई किसानों के पास भंडारगृह नहीं है। फसल कटाई के उपरांत फल, सब्जी, अनाज को सुरक्षित जगह पर पहुंचाना अपने आप में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी वाला काम है। कई बार भंडारण की व्यवस्था न होने पर फसल उपज खेती में पड़े-पड़े ही खराब हो जाती है। इन दिनों मौसम का हाल देख कर तो ये कहना गलत नहीं होगा कि फसलों पर खतरा लगातार मंडरा रहा है। ऐसे में बिहार सरकार अब किसानों को कोल्ड स्टोरेज बनाने में सहायता करेगी। राज्य सरकार ने किसानों को कोल्ड स्टोरेज बनवाने के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है।
कोल्ड स्टोरेज पर ये है ऑफर: एकीकृत बागवानी मिशन के तहत किसानों को कोल्ड यूनिट टाइप-2 खोलने में सरकार सहायता प्रदान करेगी। इसके तहत 50 से 75 प्रतिशत अनुदान मुहैया कराएगी। कोल्ड यूनिट बनाने के लिए अधिकतम लागत 10,000 तय की गई है। इस लागत पर व्यक्तिगत किसानों और उद्यमियों को 50 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। वहीं, किसान उत्पादन संगठन को इकाई लागत पर 75 प्रतिशत सब्सिडी यानी अधिकतम 7,500 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। कोल्ड स्टोरेज निर्माण में आने वाली बाकी की लागत के लिए सहकारी बैंक से लोन भी ले सकते हैं।
कोल्ड स्टोरेज के फायदे: देश में आए दिन अनाज, सब्जियों के दाम घटते-बढ़ते रहते हैं। हाल ही में टमाटर, प्याज आदि के दाम घटने के बाद किसानों द्वारा उन्हें फेंकने की खबरें सामने आईं थीं। ऐसे में कोल्ड स्टोरेज किसानों के बड़े काम आ सकता है। फेंकने के बजाए, सही भंडारण होने पर किसान अपनी उपज को लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं। फिस सही समय आने पर किसान उन्हें मुनाफे के सौदे के साथ बेच सकते हैं।
ऐसे करें आवेदन: ये लाभ सिर्फ बिहार के किसानों के लिए मान्य है। इसका फायदा उठाने के लिए आप बिहार बागवानी विभाग के ऑफिशियल पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इससे जुड़ी और अधिक जानकारी आप अपने क्षेत्र के सहायक निदेशक के पास से जुटा सकते हैं।