उत्तर प्रदेश के किसानों की बेहतरी और उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार लगातार काम कर रही है। इससे नई तकनीक से लेकर फर्टिलाइजर तक किसानों की पहुंच भी बन रही है। किसानों को खेती करने में एक चीज बहुत काम आती है। यह है नीम कोटेड यूरिया। इसे लेकर किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को सब्सिडी देते हुए नीम कोटेड यूरिया के 45 किलो वाले पैकेट आगे भी उपलब्ध कराती रहेगी।
जानकारी के अनुसार मिट्टी की जांच के आधार विभिन्न फसलों के लिए नाइट्रोजन तत्व की आवश्यकता के लिए किसानों द्वारा मुख्य रूप से नीम कोटेड यूरिया उर्वरक का प्रयोग किया जाता है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उत्तर प्रदेश के संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) अनिल कुमार पाठक ने जानकारी दी है कि कृषि विभाग की ओर से नीम कोटेड यूरिया 45 किग्रा प्रति बैग 266.50 रुपये की दर पर पहले की तरह ही किसानों को मुहैया कराया जाएगा। यह निजी और सहकारिता क्षेत्र में बिक्री के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेगी।
नीम कोटेड यूरिया की तरह उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1985 में सल्फर कोटेड यूरिया पूर्व से नोटिफाइड है, लेकिन किसानों को यह बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं थी। भारत सरकार की ओर से जल्द ही सल्फर कोटेड यूरिया को 'यूरिया गोल्ड' के नाम से बिक्री के लिए बाज़ार में उपलब्ध कराया जाएगा। यूरिया गोल्ड में नाइट्रोजन 37 प्रतिशत और सल्फर 17 प्रतिशत उपलब्ध होगा। विशेषकर तिलहनी एवं दलहनी फसलों के अच्छे उत्पादन हेतु सल्फर तत्व की आवश्यकता होती है। किसानों के द्वारा यूरिया गोल्ड के उपयोग करने की दशा में नाइट्रोजन के साथ-साथ सल्फर तत्व भी फसलों को उपलब्ध होगा।
सल्फर-कोटेड यूरिया से मिट्टी की हेल्थ बढ़ाने, पोषक तत्वों का पूरा फायदा उठाने और फसल की बेहतर पैदावार सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। यूरिया गोल्ड को पिछले साल ही लॉन्च किया गया था। इससे मिट्टी में सल्फर की कमी नहीं होगी। यूरिया गोल्ड के इस्तेमाल से पौधों में नाइट्रोजन का बेहतर इस्तेमाल करने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही यूरिया की खपत भी कम होती है। यह यूरिया राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड (RCF) कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है।
क्यों खास है यह यूरिया: जानकारों के मुताबिक सल्फर कोटेड यूरिया से नाइट्रोजन धीरे-धीरे रिलीज होती है। यूरिया गोल्ड में ह्यूमिक एसिड मिला होने की वजह से इसकी लाइफ ज्यादा होती है। यह मौजूदा यूरिया का अच्छा विकल्प है। जानकारी के अनुसार, 15 किलो यूरिया गोल्ड 20 किलो पारंपरिक यूरिया के बराबर फायदा देगा। नीम कोटेड यूरिया से कृषि लागत में कमी आती है। किसानों की आय में वृद्धि होती है।