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केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के किसानों से सोयाबीन की फसल एमएसपी पर खरीदने को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह जानकारी दी है। मोहन यादव कैबिनेट ने मंगलवार को ही मंजूरी के लिए प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा था। पिछले दिनों मध्यप्रदेश के किसान चिंतित थे कि सोयाबीन MSP से कम दाम पर बिक रहा था। लेकिन कल रात को ही मध्यप्रदेश सरकार का MSP पर सोयाबीन की खरीदी का प्रस्ताव हमारे पास आया है। उस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है।
बाजार में कपास की कमी के कारण कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। खरीफ सीजन में कपास की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से करीब 3 फीसदी अधिक हो गई हैं। इस खरीफ सीजन में किसानों ने 11 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र में कपास की बुवाई की है। इसके अलावा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे कपास उत्पादक राज्यों में भारी वर्षा ने कपास की फसल काफी नुकसान पहुंचाया है।
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिये सोयाबीन के एमएसपी में वृद्धि कर 4,892 रुपये प्रति क्विंटल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर कहा कि केंद्र ने महाराष्ट्र समेत तीन राज्यों के प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दी है और एमपी के प्रस्ताव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार कर रही है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राज्य के शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोयाबीन के एमएसपी को बढ़ाकर 4,892 रुपये प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव रखा और मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
केंद्र सरकार ने 2024-25 सीजन के लिए कपास की MSP में 501 रुपये की बढ़ोतरी की है। मीडियम स्टेपल कैटेगरी के लिए MSP अब 7121 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि लॉन्ग स्टेपल कैटेगरी के लिए यह 7,521 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। मंडियों में कपास की औसत कीमत और MSP के बीच का अंतर बढ़कर 300-400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।