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केंद्र सरकार राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण परिवर्तन परिषद (एनसीएआरटी) स्थापित करने की योजना बना रही है, जो एक व्यापक संघीय निकाय के रूप में कार्य करेगी तथा कृषि क्षेत्र के लिए नीति एवं कार्यक्रम तैयार करेगी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट यह जानकारी देती है।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नई सरकार के लिए 100 दिवसीय कार्ययोजना के हिस्से के रूप में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित इस विचार का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में “समन्वित” कार्रवाई करना है।
कृषि सचिव मनोज आहूजा की अध्यक्षता में सचिवों के समूह (जीओएस) की बैठकों के दौरान इस पर चर्चा की गई है। समूह में ग्रामीण विकास, सहकारिता और पंचायती राज मंत्रालयों के सचिव भी शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित परिषद की व्यापक रूपरेखा इस महीने के अंत तक सामने आ सकती है। कृषि एवं ग्रामीण परिवर्तन के लिए संघीय निकाय का गठन वस्तु एवं सेवा कर परिषद की तर्ज पर किया जा सकता है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों का प्रतिनिधित्व होता है। एनसीएआरटी में भी केंद्र और राज्य दोनों का प्रतिनिधित्व हो सकता है।
जीएसटी परिषद एक संवैधानिक निकाय है, लेकिन प्रस्तावित परिषद की स्थिति को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। भारतीय संविधान में कृषि एक राज्य विषय है। इसे सातवीं अनुसूची में सूचीI (राज्य सूची) की प्रविष्टि 14 में शामिल किया गया है। हालांकि केंद्र भी इस क्षेत्र में कई योजनाऐं चलाता है। हाल के वर्षों में, कृषि मंत्रालय के बजटीय आवंटन में कई गुना वृद्धि हुई है।
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