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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने रबी फसल सत्र 2024-25 के लिए फास्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों पर मंजूरी दे दी गई है। रबी सीजन के लिये किसानों को कम कीमत पर खाद उपलब्ध कराने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा उर्वरकों पर एनबीएस सब्सिडी को मंजूर करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए सरकार करीब 24,475 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
बता दें कि खरीफ फसलें लगभग कटाई के लिए तैयार हैं और रबी सीजन की फसलों की बुवाई अक्टूबर माह से शुरू हो जाती है। रबी सीजन में गेहूं समेत अन्य फसलों की बुवाई के लिए किसानों को खाद की आवश्यकता होती है। इसलिये सरकार ने किसानों को कम कीमत पर खाद उपलब्ध कराने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फसल सत्र 2024-25 अक्तूबर से मार्च तक के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दे दी है। खाद की जरूरत पूरी करने के उद्देश्य से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है। कहा गया है कि इस रबी फसल सत्र 2024 के लिए अस्थायी बजटी जरूरत लगभग 24,475.53 करोड़ रुपये होगी। इस पहल से किसानों को रियायती, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा उर्वरकों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों को देखते हुए फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जाएगा।
केन्द्र सरकार ने किसानों को रियायती दरों पर उर्वरक निर्माताओं और आयातकों के माध्यम से 28 ग्रेड के फास्फटिक और पोटैसिक उर्वरक उपलब्ध करा रही है। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी वर्ष 2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी एनबीएस योजना के तहत नियंत्रित होती है। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सस्ती दामों पर फास्फेटिक और पोटैसिक उर्वरक उपलब्ध करा रही है।
किसानों को मिलेगी भरपूर उर्वरक: सरकार ने उर्वरकों यानी यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हालिया रुझानों को देखते हुए रबी 2024 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) उर्वरकों पर 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक प्रभावी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है। उर्वरक कंपनियों को अनुमोदित और अधिसूचित दरों के मुताबिक सब्सिडी दी जाएगी जिससे किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक उपलब्ध कराई जा सके।