खेती में फसल को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशकों (Pesticide) का इस्तेमाल किया जाता है। किसान अपनी फसलों को कीट और बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर इनका छिड़काव करते हैं। हालांकि, सरकार और कृषि विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक ही इनका उपयोग करना चाहिए। लेकिन अधिक मात्रा में कीटनाशकों के उपयोग से फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। इसे देखते हुए कई राज्यों ने कुछ कीटनाशकों और खरपतवारनाशकों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।
पंजाब सरकार ने बासमती चावल (Basmati Rice) की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए 10 कीटनाशकों पर रोक लगा दी है। पंजाब कृषि विभाग ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर पूरे राज्य में इन कीटनाशकों की बिक्री, वितरण और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। यह प्रतिबंध 15 जुलाई 2024 से लागू होगा। इसका मकसद किसानों के हितों की रक्षा करना और बासमती चावल को उच्च गुणवत्ता वाला बनाना है, ताकि निर्यात प्रभावित न हो।
यूरोपियन यूनियन ने बासमती चावल में अधिकतम कीटनाशक अवशेष (एमआरएल) 0.01 पीपीएम तय किया है। लेकिन बासमती चावल में इससे अधिक अवशेष पाए जा रहे हैं। इसी कारण पंजाब सरकार ने 10 कीटनाशकों के उपयोग और बिक्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह फैसला बासमती चावल की गुणवत्ता और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
सरकार ने इन कीटनाशकों के संभावित खतरों और बासमती चावल की गुणवत्ता पर इनके प्रभाव को देखते हुए यह फैसला लिया है। सरकार ने कीटनाशक अधिनियम, 1968 के तहत 60 दिनों के लिए इनकी बिक्री, वितरण और उपयोग पर रोक लगाई है। हालांकि, किसी भी कृषि रसायन पर स्थायी प्रतिबंध लगाने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है। राज्य सरकार केवल 60 दिन के लिए अस्थायी रोक लगा सकती है।
डीलरों और किसानों के लिए निर्देश: राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि 15 जुलाई 2024 से यह आदेश लागू होगा। सभी डीलरों को लिखित रूप में निर्देश दिए जाएंगे कि वे इन प्रतिबंधित कीटनाशकों की बिक्री न करें। अगर कोई किसान इन कीटनाशकों की मांग करता है, तो डीलर उसे अन्य सुरक्षित विकल्पों के बारे में जानकारी देंगे।
निगरानी और वैकल्पिक उपाय: पंजाब सरकार इन कीटनाशकों की बिक्री पर नजर रखेगी और संबंधित विभागों को निरीक्षण के निर्देश दिए जाएंगे। किसानों और कृषि विशेषज्ञों से अनुरोध किया गया है कि वे सरकार की इस गाइडलाइन का पालन करें। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) ने भी ऐसे विकल्प सुझाए हैं जो कीट नियंत्रण में मदद करेंगे और जिनमें अवशेष प्रभाव कम होगा।
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