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Agricultural Infrastructure Fund: सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष योजना में की बढ़ोतरी, रोजगार के नए अवसर, जानिए इस योजना के बारे में

कृषि अवसंरचना कोष
कृषि अवसंरचना कोष

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में 'कृषि अवसंरचना कोष' (AIF) योजना के तहत वित्तपोषण सुविधा की केंद्रीय क्षेत्र योजना के प्रगतिशील विस्तार को मंजूरी दी है। इस फैसले का उद्देश्य देश में कृषि अवसंरचना को सुदृढ़ करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। यह योजना कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक विकास को बढ़ावा देने और कृषि समुदाय को समर्थन प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

कृषि अवसंरचना कोष क्या है What is Agricultural Infrastructure Fund?

कृषि अवसंरचना कोष (AIF) एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है जिसे 2020 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य देशभर में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक अवसंरचना का निर्माण करना है। इसके तहत किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), सहकारी समितियों, कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स, और अन्य संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, प्रसंस्करण इकाइयों और अन्य कृषि संबंधित अवसंरचना के निर्माण के लिए ऋण और अनुदान दिए जाते हैं।

एकीकृत प्रसंस्करण परियोजनाएं Integrated Processing Projects:

एआईएफ योजना के अंतर्गत प्राथमिक और द्वितीयक प्रसंस्करण परियोजनाएं भी शामिल की गई हैं। हालांकि, स्वतंत्र द्वितीयक परियोजनाओं को इस योजना के तहत वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी। इन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) की योजनाओं के तहत कवर किया जाएगा। इस कदम से किसानों को अपनी उपज का मूल्यवर्धन करने और उसे बाजार में सही मूल्य पर बेचने का अवसर मिलेगा।

पीएम-कुसुम योजना का समन्वय PM-KUSUM Scheme:

पीएम-कुसुम योजना के घटक-ए को कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के साथ समन्वित करने की अनुमति दी गई है। इसका मुख्य उद्देश्य कृषि अवसंरचना के विकास को प्रोत्साहित करना और टिकाऊ व स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल सके और ऊर्जा की खपत में कमी आए। 

एआईएफ योजना के तहत वर्तमान उपलब्धियां Current Achievements under AIF Scheme:

एआईएफ योजना के माध्यम से अब तक 6623 गोदाम, 688 कोल्ड स्टोरेज, और 21 साइलो परियोजनाएं बनाई जा चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप देश में लगभग 500 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त भंडारण क्षमता प्राप्त हुई है। इसमें 465 लाख मीट्रिक टन सूखा भंडारण और 35 लाख मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता शामिल है। इस नई भंडारण क्षमता के माध्यम से हर साल लगभग 18.6 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न और 3.44 लाख मीट्रिक टन बागवानी उत्पादों को सुरक्षित रखा जा सकता है, जिससे फसलों के खराब होने की संभावना कम हो जाएगी और किसानों को बेहतर लाभ मिलेगा।

योजना का विस्तार और इसके प्रभाव: योजना के दायरे में किए गए इस विस्तार से कृषि क्षेत्र की वृद्धि को और प्रोत्साहन मिलेगा। यह विस्तार कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र की स्थिरता में योगदान मिलेगा। सरकार द्वारा घोषित इन उपायों का लक्ष्य एआईएफ योजना के दायरे को विस्तृत करना और अतिरिक्त सहायक उपायों को एकीकृत करना है ताकि कृषि अवसंरचना पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जा सके।

ग्रामीण रोजगार के अवसर rural employment opportunities:

एआईएफ योजना के अंतर्गत मंजूर की गई अवसंरचना परियोजनाओं ने 8.19 लाख से अधिक ग्रामीण रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। यह योजना न केवल कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करती है। इससे ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

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निष्कर्ष: कृषि अवसंरचना कोष योजना का विस्तार कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक विकास और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल कृषि अवसंरचना को सुदृढ़ करती है, बल्कि किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है। सरकार
 

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