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केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया, जिसका नाम राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (National Pest Surveillance System) है, जिसके माध्यम किसान अपने खेतों से कीट के हमले वाली फसल की तस्वीर लेकर भेज सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसान इस ऐप का उपयोग करके फसल की तस्वीर लेकर ऐप पर भेजनी पड़ेगी और मोबाइल पर एकत्र की गई तस्वीर अपलोड करनी पड़ेगी। जिससे सरकार जानकारी इकट्ठा जिससे सरकार फसलों में होने वाली जानकारी इकठ्ठा करके उस संक्रमण को सुनिश्चित किया जा सके। इससे किसानों की फसल को बचाने मे सहायता मिलेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह ऐप न केवल किसानों को सही सलाह पाने में मदद करेगा, बल्कि कीटों से निपटने के लिए सही कीटनाशक खरीदने में भी उनकी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि सितंबर से सरकार ऑल इंडिया रेडियो पर किसानों की बात नामक एक कार्यक्रम शुरू करेगी, जिसमें किसान और कृषि वैज्ञानिक मिलकर किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे। कई बार किसानों को जानकारी नहीं होती, इसलिए वे गलत कीटनाशक का उपयोग कर लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "मन की बात" कार्यक्रम पर एक बार आकाशवाणी पर प्रसारित की जाएगी।
कृषि मंत्री ने कृषि विज्ञान केन्द्रों (KVK) से कहा कि किसानों के साथ पूरी तरह से जुड़ें, जो कि प्रौद्योगिकी को प्रदर्शन के माध्यम से किसानों के खेतों तक ले जाने वाली सरकारी एजेंसियां हैं। मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आग्रह किया कि अगर इसे सही तरीके से किया जाए तो उपज में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय ने पहले ही प्राकृतिक खेती मिशन तैयार कर लिया है जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा। इससे किसानों को फसलों की बेहतर उपज और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। किसानों को खेतीबाड़ी के लिये केंद्र सरकार मासिक रेडियो कार्यक्रम किसान की बात शुरू करेगी।
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कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र को किसानों से पूरी तरह जोड़ने की जरूरत है। किसानों तक वैज्ञानिक लाभ तुरंत पहुंचाने का काम किया जाएगा। अब जल्द ही वैज्ञानिकों से चर्चा और किसानों के बीच चर्चा होगी, ताकि हम कृषि के जरिए अन्नदाता बनने का चमत्कार कर सकें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसान की बात कार्यक्रम को सितंबर से शुरू किया जा सकता है। इसे पीएम मोदी के ‘मन की बात’ प्रोग्राम से एक हफ्ते पहले शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा इस दौरान खेती की नई तकनीकें और उपज बढ़ाने के नये तरीको पर भी विचार किया जायेगा।