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केंद्र सरकार की ओर से पेश अंतरिम बजट में किसानों का ख्याल रखा गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बजट 2024 में ग्रामीण सेक्टर के लिए कुछ बड़े ऐलान किए हैं। अगर इनमें गौर करें तो मनरेगा का बजट बढ़ाना प्रमुख बात है। केंद्र सरकार की ओर से बड़ा ऐलान करते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का बजट 26 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया है। इससे किसानों और गांव में रह रही आबादी के बीच खुशी की लहर है। इससे ग्राम पंचायतों में ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मिलते रहने को भी सरकार ने पुख्ता कर दिया है।
बुधवार को पेश अंतरिम बजट 2024 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए बजट बढ़ाने की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने संसद में बजट पेश करते हुए मनरेगा के तहत खर्च की जाने वाली रकम को 60 हजार करोड़ से बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपये करने की घोषणा की है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने पिछली बार 1 फरवरी 2023 को पेश किए गए बजट में मनरेगा योजना के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का बजट घोषित किया था।
मनरेगा मजदूरों को आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) के तहत जोड़ा गया है। केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से कहा था कि इससे मनरेगा मजदूरी का भुगतान सीधे खाते में पहुंच जाएगा। लेकिन, जनवरी 2024 के पहले सप्ताह तक करीब 5 करोड़ मजदूरों को एबीपीएस से नहीं जोड़ा जा सका। ऐसे में इन मजदूरों को योजना का लाभ मिलने का संकट पैदा हो गया था और मजदूर संगठनों ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुल 25.94 करोड़ मजदूर रजिस्टर हैं। इनमें से 14.35 करोड़ को सक्रिय मजदूर के रूप में दर्शाया गया है। इन मजदूरों ने बीते 3 साल में कम से कम एक दिन काम किया है। एबीपीएस के लिए अयोग्य 5 करोड़ ज्यादा मनरेगा मजदूरों का सिस्टम से बाहर होना आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार के लिए यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकता था।