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क्या आप आम की खेती करना चाहते हैं? क्या आप चाहते हैं कि आप को सरकारी सहायता मिले? अगर हां, तो मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत आम विकास योजना (2024-25) आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। आइए इस योजना के महत्वपूर्ण बिंदुओं और लाभों को विस्तार से समझें।
बिहार राज्य के सभी जिलों में आम की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस योजना का उद्देश्य है। यह योजना किसानों को आम की खेती में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे उनके जीवन में सुधार होगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस योजना के तहत छोटे और बड़े दोनों प्रकार के किसानों को लाभ मिलेगा। न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे०) और अधिकतम 10 एकड़ (4 हे०) के लिए लाभ देय होगा। यह किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है, चाहे वे छोटे किसान हों या बड़े। क्या आप जानते हैं कि इससे कितने किसानों की जिंदगी बदल सकती है
पौध रोपण सामग्री की आपूर्ति: आम के क्षेत्र विस्तार के लिए उच्च गुणवत्ता की पौध रोपण सामग्री की आवश्यकता होती है। यह सामग्री सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली और जिलों के प्रखण्ड उद्यान नर्सरी से आपूर्ति की जाएगी। इसका मतलब है कि किसानों को सर्वश्रेष्ठ पौध सामग्री मिल सकेगी, जिससे उनकी फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
आम विकास योजना के तहत अनुदान राशि: योजनान्तर्गत प्रति हेक्टेयर आम की खेती के लिए अनुदान राशि प्रथम वर्ष 18,000 रुपये एवं द्वितीय तथा तृतीय वर्षों के लिए 6,000 रुपये प्रति वर्ष देय है। यह अनुदान राशि किसानों को खेती के प्रारंभिक वर्षों में आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। सोचिए, यह धनराशि कितनी मददगार साबित हो सकती है, विशेषकर जब खेती की शुरुआत होती है और खर्चे अधिक होते हैं।
रैयत कृषकों के लिए लाभ: आम विकास योजना का लाभ केवल रैयत कृषक ही जमीन के कागजात के आधार पर ले सकते हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि केवल योग्य किसान ही योजना का लाभ प्राप्त कर सकें। यह पारदर्शिता को बढ़ावा देगा और सुनिश्चित करेगा कि सही लोग ही लाभान्वित हों।
लाभुकों का चयन: लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जाएगा। प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी वर्गों और महिलाओं को समान अवसर मिले।
बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई फल से सम्बंधित योजना के तहत, आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं । इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें।
सहायतानुदान का भुगतान: नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत CFMS द्वारा भुगतान किया जाएगा। यह प्रक्रिया पारदर्शी होगी और समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगी। इसका मतलब है कि किसानों को उनके बैंक खातों में सीधे राशि प्राप्त होगी, जिससे किसी भी प्रकार की बिचौलिया समस्या नहीं होगी।