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सरकार द्वारा सीआरएम मशीनों पर इंसेंटिव और एमएसपी पर खरीफ फसलों की खरीद जारी

सरकार द्वारा सीआरएम मशीनों पर इंसेंटिव
सरकार द्वारा सीआरएम मशीनों पर इंसेंटिव

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि चालू खरीफ सीजन के दौरान अब तक मंडियों में 3.47 लाख मीट्रिक टन बाजरे की आवक हुई है, जिसमें से 3.05 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की खरीफ फसलों का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदेगी। 

एमएसपी पर धान की खरीद जारी  

अब तक मंडियों में 30 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है, जिसमें से लगभग 25,55,319 मीट्रिक टन धान की खरीद एमएसपी पर की जा चुकी है। किसानों को 3,056 करोड़ रुपये का सीधा भुगतान किया जा चुका है, जबकि मंडियों से 1,14,358 मीट्रिक टन धान का उठान किया गया है। बाजरा खरीद के लिए किसानों को 331 करोड़ रुपये का भुगतान सीधा उनके खातों में भेजा गया है।

सरकार की जागरूकता और सब्सिडी योजनाओं की सफलता  

पराली जलाने की घटनाओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में प्रदेश के किसानों की सराहना की है। राज्य सरकार लगातार किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रही है और उन्हें पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर विभिन्न उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

किसानों के लिए सीआरएम मशीनों पर इंसेंटिव  

पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने 3,224 नोडल अधिकारियों की तैनाती की है और किसानों को 2018-19 के कृषि सीजन से रियायती दरों पर फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनें उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरकार सीआरएम मशीनों की खरीद पर इंसेंटिव भी प्रदान कर रही है, जिसमें प्रति एकड़ 1,000 रुपये और गौशालाओं तक पराली पहुंचाने पर 500 रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन शामिल है।

पराली जलाने की घटनाओं का आंकड़ा  

14 अक्टूबर को आयोजित एक बैठक में हरियाणा के कृषि विभाग ने जानकारी दी कि 15 सितंबर से 13 अक्टूबर तक पराली जलाने की 468 घटनाएं दर्ज की गई हैं। हालांकि, जांच में 173 मामलों में आग न होने और चार घटनाओं में गैर-कृषि भूमि पर कचरा जलाने की पुष्टि हुई है।

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