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Fertilizer subsidy: सरकार दे रही विभिन्न उर्वरकों पर सब्सिडी, किसानों को मिलेगी उचित मूल्य पर खाद, उत्पादन में होगी बढोतरी

किसानों को मिलेगी सस्ती खाद, बढ़ेगा कृषि उत्पादन
किसानों को मिलेगी सस्ती खाद, बढ़ेगा कृषि उत्पादन

भारत सरकार उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और किसानों को उर्वरक उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चला रही है। सरकार ने किसानों को सस्ती दरों पर DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) योजना से अधिक विशेष पैकेज की घोषणा की है। 

डीएपी, फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों पर सब्सिडी Subsidy on DAP, Phosphatic and Potassic fertilizers:

फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों पर न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी योजना के तहत सब्सिडी दरें अंतरराष्ट्रीय उर्वरक और कच्चे माल की कीमतों को ध्यान में रखते हुए तय की जाती हैं। यह दरें वार्षिक या अर्धवार्षिक रूप से निर्धारित की जाती हैं। खरीफ 2024 के दौरान DAP पर प्रति टन सब्सिडी ₹21,676 थी, जबकि रबी 2024-25 के लिए यह ₹21,911 तय की गई है। किसानों को सस्ती दरों पर DAP उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने NBS दरों से अधिक विशेष पैकेज स्वीकृत किया है। 1 अप्रैल 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक ₹3500 प्रति टन की दर से विशेष सहायता दी गई है। इससे कृषि क्षेत्र को मजबूती और देश की खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

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यूरिया पर सब्सिडी और उत्पादन में वृद्धि Subsidy on urea and increase in production:

यूरिया किसानों को एक निश्चित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर उपलब्ध कराई जाती है। 45 किलोग्राम यूरिया बैग की कीमत ₹242 (नीम कोटिंग और कर अलग) है। 2012 में घोषित और 2014 में संशोधित इस नीति के तहत 6 नए यूरिया संयंत्र स्थापित किए गए हैं। इनमें चार संयंत्र सरकारी उपक्रमों और दो निजी कंपनियों द्वारा स्थापित किए गए हैं। 2015 इस नीति के तहत 25 गैस आधारित यूरिया संयंत्रों का उत्पादन बढ़ाकर 2014-15 के 225 लाख मीट्रिक टन से 2023-24 में 314.07 लाख मीट्रिक टन किया गया है।

फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों के उत्पादन में उछाल: सरकार ने P&K उर्वरकों के लिए नए उत्पादन संयंत्रों और मौजूदा संयंत्रों की क्षमता बढ़ाने की अनुमति दी है।  100 प्रतिशत स्वदेशी पोटाश-डेराइव्ड फ्रॉम मोलासेस (PDM) उर्वरक को 13 अक्टूबर 2021 से NBS योजना के तहत अधिसूचित किया गया। खरीफ 2022 से सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) पर परिवहन सब्सिडी लागू की गई है। इससे P पोषक तत्वों की आपूर्ति में मदद मिली है। 2014-15 में 159.54 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 182.85 लाख मीट्रिक टन हो गया है। सरकार के इन प्रयासों ने उर्वरक उत्पादन और उपलब्धता को बेहतर बनाया है, जिससे कृषि क्षेत्र को सशक्त किया जा रहा है।

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