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पिछले खरीफ सीजन में मानसून की देरी या अनिश्चितता के चलते धान की खेती में गिरावट आई थी जिससे बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में धान की बुवाई के रकबे में कमी आई थी। कृषि विभाग का कहना है कि इस वर्ष मानसून सीजन में अच्छी बारिश होने की उम्मीद जताई गई है। मानसून को देखते हुए बिहार में 36.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जायेगी। धान की बुवाई के लिये कृषि विभाग द्वारा किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जायेगा। राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने खरीफ अभियान के शुरूआत पर यह जानकारी बताई।
कृषि मंत्री ने बामेती सभागार में राज्यस्तरीय खरीफ कार्यशाला को संबोधित किया। साथ ही बताया कि खरीफ सीजन में धान का कुल रकबा 36.54 लाख हेक्टेयर, मक्का का 2.93 लाख हेक्टेयर, अरहर का 0.56 लाख हेक्टेयर, मूंग का 0.17 लाख हेक्टेयर और मोटे अनाज में बाजरा 0.15 लाख हेक्टेयर, मडुआ का 0.29 लाख हेक्टेयर, ज्वार का 0.16 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहन का 0.11 लाख हेक्टेयर लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक धान की खेती के लिए 3.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बिचड़ा गिराने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में खरीफ मौसम में किसानों को उचित मूल्य पर गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत किसानों को 5069.52 क्विंटल धान का बीज 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है। मतलब एक किलोग्राम बीज पर 40 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। बताया गया कि हरी खाद योजना के तहत राज्य में खरीफ मौसम में 93,000 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर 18600 क्विंटल ढैंचा के बीज भी वितरित किए गए हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि इस खरीफ की खेती के लिए यूरिया 9.87 लाख टन, डीएपी 2.50 लाख टन, एमओपी 0.35 लाख टन तथा एनपीके 02 लाख टन की आवश्यकता होगी।
किसान खरीफ फसलों की बुवाई मानसून के शुरू होते ही कर देते हैं। ऐसे में बिहार सरकार की तरफ से किसानों को कम दाम पर धान के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। धान के बीजों पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। राज्य के जो किसान सब्सिडी पर धान के बीज प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए इस https://brbn.bihar.gov.in/ वेबसाइट पर आवेदन करना होगा।