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चाय विकास योजना 2024-25 का मुख्य उद्देश्य चाय की खेती को प्रोत्साहित करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस योजना के तहत चाय की खेती के लिए नए क्षेत्रों का विस्तार किया जाएगा और किसानों को अनुदान और यांत्रिक साधन प्रदान किए जाएंगे। हम इस योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
इस योजना के तहत किशनगंज, अररिया, सुपौल, पूर्णियाँ और कटिहार जिलों में चाय की खेती के नए क्षेत्रों का विस्तार किया जाएगा। यह कदम इन क्षेत्रों में कृषि विविधता को बढ़ावा देने और किसानों की आय को स्थिर करने में मदद करेगा।
किसान की जिम्मेदारी: चाय के क्षेत्र विस्तार के लिए पौध रोपण सामग्री का क्रय किसान स्वयं करेंगे। इससे किसानों को गुणवत्ता युक्त पौध सामग्री चुनने की स्वतंत्रता मिलेगी।
अनुदान की प्रक्रिया दो किस्तों में: किसानों को चाय की खेती के लिए दो किस्तों में 75:25 के अनुपात में अनुदान दिया जाएगा। पहली किस्त में 75 प्रतिशत राशि और दूसरी किस्त में शेष 25 प्रतिशत राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 में दी जाएगी, बशर्ते कि पौधों का 90 प्रतिशत जीवित हो।
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मौजूदा चाय बागान के लिए यांत्रिक साधनों की उपलब्धता: इस योजना के तहत मौजूदा चाय बागान के प्रबंधन के लिए विभिन्न हॉर्टिकल्चर यंत्रों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें प्रूनिंग मशीन, मेकैनिकल हार्वेस्टर, प्लकिंग शियर, लीफ कैरेज व्हेकिल और लीफ कलेक्शन शेड शामिल हैं।
प्रूनिंग मशीन: प्रूनिंग मशीन वैसे किसानों को दी जाएगी जो न्यूनतम 2 एकड़ में चाय की खेती कर रहे हों। इसके लिए वास्तविक मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 60000 रुपये अनुदान दिया जाएगा।
मेकैनिकल हार्वेस्टर: मेकैनिकल हार्वेस्टर भी उन्हीं किसानों को अनुदानित दर पर दिया जाएगा जो न्यूनतम 2 एकड़ में चाय की खेती कर रहे हों। इसके लिए वास्तविक मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 50000 रुपये अनुदान दिया जाएगा।
प्लकिंग शियर: प्लकिंग शियर के लिए भी न्यूनतम 2 एकड़ में चाय की खेती करने वाले किसानों को वास्तविक मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 1100 रुपये अनुदान मिलेगा। एक आवेदक अधिकतम 20 प्लकिंग शियर के लिए आवेदन कर सकते हैं।
लीफ कैरेज व्हेकिल: लीफ कैरेज व्हेकिल उन्हीं किसानों को दिया जाएगा जो न्यूनतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) में चाय की खेती कर रहे हों। इसके लिए वास्तविक मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 750000 रुपये अनुदान मिलेगा।
लीफ कलेक्शन शेड: लीफ कलेक्शन शेड उन किसानों को दिया जाएगा जो न्यूनतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) में चाय की खेती कर रहे हों। इसके लिए वास्तविक मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 37500 रुपये अनुदान मिलेगा।
इस योजना के लाभ: इस योजना से किसानों को न केवल वित्तीय सहायता मिलेगी बल्कि यांत्रिक साधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी, जिससे चाय की खेती अधिक कुशल और लाभदायक बन सकेगी।
इस योजना की आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन: किसान इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया सरल और सुगम बनाई गई है ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।
निष्कर्ष: चाय विकास योजना 2024-25 किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है जिससे वे चाय की खेती को बढ़ावा देकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। इस योजना के माध्यम से उन्हें वित्तीय सहायता और यांत्रिक साधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी। किसानों को इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए समय पर आवेदन करना चाहिए।
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