पराली जलाने की घटना दिन प्रतिदिन बढती जा रही है, पर्यावरण संरक्षण और जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशानुसार प्रदेश में फसल कटाई के बाद खेतों में फसल अवशेष (नरवाई) जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। विशेष रूप से धान और गेहूं की फसल के अवशेष जलाने को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं। इस नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित किसानों और निकायों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पर्यावरण विभाग ने फसल अवशेष जलाने पर आर्थिक दंड लगाने का आदेश जारी किया है। इसके तहत –2 एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को 2,500 रुपये प्रति घटना दंड, 2 से 5 एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को 5,000 रुपये प्रति घटना दंड और 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों को 15,000 रुपये प्रति घटना दंड का प्रावधान है।
निगरानी एवं क्रियान्वयन: भारत सरकार की संस्था ICAR-CREAMS सैटेलाइट तकनीक के माध्यम से देशभर में फसल अवशेष जलाने की निगरानी कर रही है। जिला प्रशासन और कृषि विभाग की जिम्मेदारी होगी कि नरवाई जलाने से रोकने के लिए किसानों को जागरूक करें और वैकल्पिक समाधान प्रदान करें। सभी किसानों से अपील है कि फसल अवशेष प्रबंधन के टिकाऊ तरीकों को अपनाएं और पर्यावरण को सुरक्षित रखें।
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