खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय देशभर में, विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी राज्यों और ओडिशा में, मोटे अनाज (श्री अन्न) आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना और विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY), उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना (PMFME) जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। ये योजनाएं क्षेत्र विशेष के लिए नहीं, बल्कि मांग-आधारित हैं।
सरकार विभिन्न खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों, विशेष रूप से मोटे अनाजों के प्रसंस्करण, के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के तहत मोटे अनाज आधारित उत्पादों के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना का उद्देश्य मोटे अनाजों का उपयोग बढ़ाना और उनके मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत अब तक 793.27 करोड़ रुपये की राशि 29 आवेदकों (8 बड़े और 21 छोटे एवं मध्यम उद्यमों) को मंजूर की गई है।
सरकार ने कठिन भौगोलिक क्षेत्रों जैसे उत्तर-पूर्वी राज्य, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष रियायतें दी हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा इन योजनाओं से उत्पन्न रोजगार अवसरों पर कोई विशेष समिति गठित नहीं की गई है, लेकिन इन योजनाओं ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन किया है। सरकार की ये योजनाएं किसानों, स्टार्टअप्स और खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान कर रही हैं, जिससे मोटे अनाजों की खपत और उनके व्यापार को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।