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श्रीअन्न की खेती को बढ़ावा, किसानों को ₹3,900 प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि और ₹1,000 प्रति क्विंटल बोनस

अन्न की खेती को बढ़ावा
अन्न की खेती को बढ़ावा

किसानों को रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत श्रीअन्न की खेती और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा श्रीअन्न, विशेषकर कोदो-कुटकी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अतिरिक्त ₹1,000 प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इसके साथ ही प्रति हेक्टेयर अधिकतम ₹3,900 की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है।

श्रीअन्न उत्पादन को बढ़ावा:

प्रदेश में श्रीअन्न उत्पादन से जुड़े किसानों और समूहों को राज्य स्तरीय महासंघ के तहत संगठित किया गया है। इसके लिए श्रीअन्न प्रोत्साहन कंसोर्टियम ऑफ फार्म्स प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किया गया है। नवीनतम तकनीकों के उपयोग से श्रीअन्न और उसके प्रसंस्कृत उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को ₹18,587 करोड़ का लाभ:

प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ नियमित रूप से दिया जा रहा है। 2019-20 से 2023-24 तक, एक करोड़ 87 लाख किसानों को ₹18,587 करोड़ की दावा राशि का भुगतान किया गया है।

फसलों के रिकॉर्ड उत्पादन से प्रदेश ने बनाई नई पहचान:

कृषि क्षेत्र में किए गए विशेष प्रयासों से प्रदेश में विभिन्न फसलों का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।

  1. धान, मक्का, उड़द, सोयाबीन, गेहूं, चना, मसूर और सरसों का उत्पादन तेजी से बढ़ा है।
  2. मक्का और तिल के उत्पादन में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
  3. गेहूं, मोटा अनाज, चना, उड़द, मसूर, सोयाबीन और अलसी के उत्पादन में प्रदेश दूसरे स्थान पर है।
  4. मूंगफली और राई-सरसों के उत्पादन में प्रदेश तीसरे स्थान पर है।

श्रीअन्न की खेती से किसानों की आय में बढ़ोतरी: प्रदेश में फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित कर पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए जलवायु आधारित अनुकूल फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, बाजार और निर्यात मांग से प्रेरित फसलों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार के इन प्रयासों से श्रीअन्न की खेती को नई पहचान मिल रही है और किसानों की आय में भी सुधार हो रहा है।

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