अगर आप किसान हैं या हरी मेथी के व्यापार में हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद अहम है। आज, 11 जनवरी 2025 को, गुजरात और पंजाब की प्रमुख मंडियों में हरी मेथी के भाव में बड़ा अंतर देखा गया। गुजरात की मानसा और पादरा मंडियों ने जहाँ उच्च गुणवत्ता और स्थिर कीमतों के साथ किसानों को लाभ दिया, वहीं पंजाब की अहमदगढ़ और जलालाबाद मंडियों में भारी आवक के बावजूद दाम कम रहे। इस लेख में जानें हर मंडी का विस्तृत विवरण, कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजहें और वह जरूरी जानकारी, जो आपकी फसल विपणन और व्यापारिक रणनीतियों को मजबूत बनाएगी। पढ़ें और जानें कहाँ मिलेगी हरी मेथी के दामों में सबसे अच्छी डील!
मानसा (Manas Veg Yard) मंडी में मेथी का भाव: मानसा मंडी में आज हरी मेथी की कुल आवक मात्र 0.03 टन दर्ज की गई, जो बेहद कम है। इस मंडी में हरी मेथी की न्यूनतम कीमत ₹1,010 प्रति क्विंटल और अधिकतम कीमत ₹1,050 प्रति क्विंटल रही। यहाँ का मॉडल मूल्य ₹1,000 प्रति क्विंटल दर्ज हुआ। सीमित आवक और गुणवत्ता ने यहाँ के दामों को स्थिर बनाए रखा।
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पादरा मंडी में मेथी का भाव: पादरा मंडी में आज हरी मेथी की 0.7 टन आवक हुई। यहाँ हरी मेथी की कीमतें ₹1,000 से ₹1,200 प्रति क्विंटल के बीच रहीं। मॉडल मूल्य ₹1,100 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया, जो इस मंडी को गुजरात में हरी मेथी के व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र बनाता है। उच्च गुणवत्ता और बाजार की मांग के चलते यहाँ के दाम अन्य मंडियों से बेहतर रहे।
अहमदगढ़ मंडी में मेथी का भाव: अहमदगढ़ मंडी में आज हरी मेथी की कुल आवक 0.1 टन दर्ज की गई। यहाँ हरी मेथी ₹1,000 से ₹1,200 प्रति क्विंटल की रेंज में बिकी। इस मंडी में मॉडल मूल्य ₹1,000 प्रति क्विंटल रहा।
जलालाबाद मंडी में मेथी का भाव: जलालाबाद मंडी में आज हरी मेथी की कुल आवक 1 टन रही, जो पंजाब में सबसे अधिक है। यहाँ हरी मेथी की न्यूनतम कीमत ₹700 प्रति क्विंटल और अधिकतम कीमत ₹750 प्रति क्विंटल दर्ज की गई। मॉडल मूल्य ₹700 प्रति क्विंटल रहा, जो भारी आवक के कारण अपेक्षाकृत कम है।
निष्कर्ष:- आज के हरी मेथी के भाव बताते हैं कि मंडी का चुनाव किसानों और व्यापारियों के लिए कितना मायने रखता है। गुजरात की पादरा मंडी ने जहाँ उच्च गुणवत्ता और बेहतर कीमतों से किसानों को अधिक लाभ दिया, वहीं पंजाब की जलालाबाद मंडी में भारी आवक ने दामों को सीमित रखा। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि बाजार की मांग, आपूर्ति और गुणवत्ता का संतुलन ही मुनाफे की कुंजी है। सही जानकारी और रणनीति के साथ किसान अपनी फसल को अधिक लाभकारी मंडी में बेच सकते हैं। इसलिए, हर मंडी के ताजा भाव और उनके रुझानों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।
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