गर्मी के मौसम में किसान 14 प्रकार की फसलें एक साथ उगाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ा सकते हैं और खरीफ फसलों की अच्छी पैदावार ले सकते हैं। इससे रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होगी और मिट्टी को प्राकृतिक पोषण मिलेगा।
गेहूं और रबी फसलों की कटाई के बाद मई-जून में खेत खाली रहते हैं। इस दौरान हरी खाद वाली फसलें उगाने से मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ते हैं। करीब 50-60 दिन बाद इन फसलों को मिट्टी में मिला देने से खेत उपजाऊ हो जाता है।
कुल बीज मात्रा 10 किलो 180 ग्राम होगी। इन सभी बीजों को खेत में समान रूप से छिड़ककर हल्की जुताई कर दें।
मिट्टी को मिलेंगे ये पोषक तत्व: हरी खाद से खेत में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और आयरन जैसे पोषक तत्व बढ़ते हैं। तुलसी और गेंदा मिट्टी की गुणवत्ता सुधारते हैं और रोगों से बचाव में मदद करते हैं।
हरी खाद के फायदे Benefits of green manure:
यह विधि किसानों के लिए कम लागत में ज्यादा उत्पादन पाने का बेहतरीन तरीका है।
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