• होम
  • Green Manure: गर्मी में हरी खाद की फसलें उगाकर मिट्टी की उर्...

Green Manure: गर्मी में हरी खाद की फसलें उगाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएं

हरी खाद
हरी खाद

गर्मी के मौसम में किसान 14 प्रकार की फसलें एक साथ उगाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ा सकते हैं और खरीफ फसलों की अच्छी पैदावार ले सकते हैं। इससे रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होगी और मिट्टी को प्राकृतिक पोषण मिलेगा।

हरी खाद क्यों जरूरी है Why green manure is important?

गेहूं और रबी फसलों की कटाई के बाद मई-जून में खेत खाली रहते हैं। इस दौरान हरी खाद वाली फसलें उगाने से मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ते हैं। करीब 50-60 दिन बाद इन फसलों को मिट्टी में मिला देने से खेत उपजाऊ हो जाता है।

ये हैं 14 फसलें और उनकी बीज मात्रा (प्रति एकड़):

  1. सनई: 1 किग्रा
  2. ढैंचा: 2 किग्रा
  3. ग्वार: 2 किग्रा
  4. लोबिया: 1 किग्रा
  5. मूंग: 1 किग्रा
  6. उड़द: 1 किग्रा
  7. देशी ज्वार: 1 किग्रा
  8. देशी बाजरा: 250 ग्राम
  9. काला तिल: 200 ग्राम
  10. अरंडी: 500 ग्राम
  11. कचरी: 200 ग्राम
  12. गेंदा: 10 ग्राम
  13. रामा तुलसी: 10 ग्राम
  14. श्यामा तुलसी: 10 ग्राम

कुल बीज मात्रा 10 किलो 180 ग्राम होगी। इन सभी बीजों को खेत में समान रूप से छिड़ककर हल्की जुताई कर दें।

मिट्टी को मिलेंगे ये पोषक तत्व: हरी खाद से खेत में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और आयरन जैसे पोषक तत्व बढ़ते हैं। तुलसी और गेंदा मिट्टी की गुणवत्ता सुधारते हैं और रोगों से बचाव में मदद करते हैं।

हरी खाद के फायदे Benefits of green manure:

  1. मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है
  2. रासायनिक खाद की जरूरत कम होती है
  3. फसलें अधिक स्वस्थ और रोगमुक्त होती हैं
  4. उत्पादन लागत घटती है और पैदावार बढ़ती है

यह विधि किसानों के लिए कम लागत में ज्यादा उत्पादन पाने का बेहतरीन तरीका है।

ये भी पढें- धान की बुवाई से पहले करें मृदा परीक्षण और बढ़ाएं अपनी फसल की पैदावार

लेटेस्ट
khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें