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केंद्र सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय तथा राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB), हैदराबाद द्वारा 8 नवम्बर, 2024 को ICAR- केंद्रीय समुद्री मछली अनुसंधान संस्थान (CMFRI), कोच्चि, केरल में मछली पालन और जलकृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला में श्री जॉर्ज कुरियन, राज्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों मंत्रालय के अलावा केरल राज्य के विभिन्न प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, राज्य मत्स्य अधिकारी, मछुआरे और मछुआरी महिलाएं भी उपस्थित होंगे। कार्यशाला का एक अन्य प्रमुख आयोजन भारतीय समुद्री जैविक संघ (MBAI) का राष्ट्रीय संगोष्ठी का आधिकारिक उद्घाटन होगा।
NFDB और नवोन्मेशक स्टार्टअप्स इस अवसर पर मछली पालन और जलकृषि क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रस्तुति देंगे। कार्यशाला का समापन मछली पालन में ड्रोन प्रौद्योगिकी के विभिन्न अनुप्रयोगों पर लाइव प्रदर्शन के साथ होगा, जिसमें मछली परिवहन, मछली आहार वितरण और आपातकालीन बचाव कार्यों के लिए जीवन रक्षक जैकेट वितरण शामिल हैं। यह कार्यशाला मछली पालन क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों को उजागर करने का एक विशेष मंच प्रदान करेगी, जो इस क्षेत्र के रूपांतरण और इसकी संभावनाओं को अधिकतम करने में ड्रोन प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है। इसमें 700 से अधिक मछुआरे और मछुआरी महिलाएं भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) का उद्देश्य मछली पालन और जलकृषि क्षेत्र में स्थायी, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है। इसे हासिल करने के लिए तकनीकी समाधान का योगदान महत्वपूर्ण है, जो आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला में अंत तक समाधान प्रदान करता है। ड्रोन मछली पालन क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों के समाधान के रूप में नवीनतम समाधान प्रदान करते हैं, जिनमें जल परीक्षण, रोग का पता लगाना, निगरानी गतिविधियाँ, आहार प्रबंधन और मछली परिवहन प्रमुख हैं।
मछली पालन में सटीकता और निगरानी का नया युग: ड्रोन का उपयोग जलकृषि फार्मों का प्रबंधन, मछली बाजारों का निरीक्षण, मछली पालन संरचना में क्षति का आकलन और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव कार्यों में भी किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, ड्रोन सटीक मछली पकड़ने और मछली संसाधन का मूल्यांकन करने में सहायता करते हैं। जल के नीचे कार्य करने वाले ड्रोन मछलियों के व्यवहार पर निगरानी रखने, संकट के संकेत जैसे अजीब तैरने के पैटर्न का पता लगाने में भी सहायता करते हैं।
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