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Winter health Tips: शीतलहर से बचाव एवं सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी, जाने क्या रखें सावधानियां

शीतलहर से बचाव
शीतलहर से बचाव

आयुक्त स्वास्थ्य विभाग ने शीतलहर के प्रभाव से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिसंबर और जनवरी माह के दौरान सर्द हवाओं से स्वास्थ्य पर अधिक प्रभाव पडता है, जिसको देखते हुए सावधानियों और तैयारियों के बडे निर्देश दिए गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी आवश्यक कदम उठाये गए हैं। आयुक्त ने संबंधित विभागों और अस्पतालों को समय पर प्रभावी कार्रवाई करने के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया है।

अस्पतालों में विशेष व्यवस्था Special arrangements in hospitals:

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और खंड चिकित्सा अधिकारियों को जिला एवं विकासखंड स्तर पर अस्पतालों की व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। शीतघात (Hypothermia) और ठंड से होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की त्वरित पहचान और प्राथमिक उपचार की समुचित व्यवस्था सभी अस्पतालों में सुनिश्चित करने को कहा गया है।

सुरक्षात्मक उपाय और सावधानियां Protective measures and precautions:

  1. मौसम की जानकारी रखें: नागरिकों को स्थानीय संचार माध्यमों से मौसम पूर्वानुमान के प्रति जागरूक रहने और उसका पालन करने की सलाह दी गई है।
  2. अनावश्यक बाहर न जाएं: शीतलहर के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और लंबे समय तक बाहर न रहें।
  3. ठंड से बचाव के उपाय करें: ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनें और सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को अच्छी तरह ढकें।
  4. संतुलित आहार लें: विटामिन-सी युक्त फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
  5. बुजुर्गों और बच्चों का ध्यान रखें: पड़ोस में रहने वाले वृद्धजनों और छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें।
  6. चिकित्सकीय सलाह लें: नाक बहना, फ्लू के लक्षण, त्वचा का पीला होना या ठंड लगने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  7. बंद कमरों में कोयला या फायर पॉट का उपयोग करने से कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का खतरा बढ़ जाता है, जो जानलेवा हो सकता है।

हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट के लक्षण Symptoms of hypothermia and frostbite:

  • फ्रॉस्टबाइट: त्वचा सफेद या फीकी पड़ना, सुन्नता और मांसपेशियों में अकड़न पड जाती है।
  • हाइपोथर्मिया: अधिक ठंड लगने पर बोलने में कठिनाई, सांस लेने में समस्या, अत्यधिक नींद आना और बेहोशी।

क्या करें:

  1. प्रभावित व्यक्ति को तुरंत गर्म कपड़े पहनाएं और गर्म स्थान पर रखें।
  2. कंबल, चादर या तौलिये से शरीर को ढकें।
  3. गर्म पेय पदार्थ दें (बेहोश व्यक्ति को न पिलाएं)।
  4. चिकित्सीय सहायता के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या न करें:

  1. शराब का सेवन न करें, यह शरीर के तापमान को घटाता है।
  2. फ्रॉस्टबाइट प्रभावित अंगों को रगड़ें नहीं।
  3. बेहोश व्यक्ति को तरल पदार्थ न दें।

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