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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी स्टार्ट-अप, मेक-इन-इंडिया और वोकल-फॉर-लोकल के प्रेरणादायक आह्वान ने देश में उद्यमिता का नया दौर शुरू किया है। आज भारत ने इंग्लैंड को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति का दर्जा प्राप्त किया है। बालाघाट में आयोजित स्वदेशी मेले को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं को ऑफर लेटर और दिव्यांगता प्रमाण-पत्र प्रदान किए और उनसे संवाद किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि स्वदेशी मेले के रूप में मिनी इंडिया का रूप देखने को मिल रहा है। यहां विभिन्न प्रांतों की लोककला और कारीगरी को एक मंच पर देखा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले भारत सोने की चिड़ीया हुआ करता था, और हम दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थे। हमारे उद्योग, धंधे, मसाले, रेशम और मलमल जैसी वस्त्रों की दुनिया भर में धूम थी। आज हमारे देश में 37,000 से अधिक स्वदेशी स्टार्ट-अप सक्रिय हैं, और हमारा युवा अब उद्यमिता की ओर बढ़ रहा है, जो खुद नौकरी देने वाला बन रहा है।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के कंसेप्ट को आगे बढ़ाने में प्रधानमंत्री श्री मोदी का प्रोत्साहन भी मिला है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा पार्क और अन्य उद्योगों की स्थापना के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं। अब तक हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे लगभग 2 लाख रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि हम उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अपनी पॉलिसी को उद्योग-फ्रेंडली बनाने के लिए हर स्तर पर तैयार हैं।
12 नए मेडिकल कॉलेज और 13 आयुर्वेदिक कॉलेज होंगे स्थापित: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2003-04 में जहां 5 मेडिकल कॉलेज थे, वहां अब हमने इनकी संख्या बढ़ाकर 17 कर दी है। इसके साथ ही प्रदेश में 13 निजी चिकित्सा महाविद्यालय भी स्थापित किए गए हैं। अगले साल में 12 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज और 13 नए आयुर्वेदिक कॉलेज खोले जाएंगे, जिनमें से एक बालाघाट में भी होगा। सरकार के प्रयासों से प्रदेश का बजट 3.25 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। उनका लक्ष्य इसे 7 लाख करोड़ रुपये तक ले जाना है, ताकि 2027 तक प्रधानमंत्री श्री मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सके।
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