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मध्यप्रदेश के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने डिजिटल कार्यप्रणाली में 100 प्रतिशत ई-ऑफिस प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। सचिव श्री रघुराज राजेंद्रन ने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली में अब मंत्री स्तर तक सभी फाइलें और दस्तावेज डिजिटल प्रारूप में संचालित होंगे, जिससे कार्यप्रणाली में पारदर्शिता भी और भी गति आएगी। इसमें पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य सरकार प्रमुख भूमिका प्रदर्शित करेगी।
सरकार ने कहा है कि 1 जनवरी 2025 से मंत्रालय में मैनुअल फाइलों का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। ई-ऑफिस प्रणाली के लागू हो जाने से कागज की खपत में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। सरकार की यह पहल राज्य में न केवल आधुनिक प्रशासनिक बदलाव लाएगी, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगी।
ई-ऑफिस प्रणाली से फाइलों की डिजिटल रूप में निगरानी की जाएगी, जिससे कार्य में देरी करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। इस प्रणाली के लागू होने से मंत्रालय स्तर पर फाइलों का संचालन अधिक सुगम और तेज़ होगा। तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने यह पहल कर अन्य विभागों के लिए एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह कदम एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे राज्य में कागज के उपयोग में भारी कमी आएगी। ई-ऑफिस प्रणाली को तीन चरणों में लागू किया जा रहा है, जिसमें पहले चरण में मंत्रालय स्तर पर 1 जनवरी से कार्यान्वयन होगा, दूसरे चरण में संचालनालयों में, और तीसरे चरण में जिलों में इसे अपनाया जाएगा। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस के माध्यम से प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि इस नई प्रणाली को सुगमता से अपनाया जा सके। शिक्षा विभाग की यह पहल न केवल प्रशासनिक सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्पूर्ण कदम है।