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29 दिसंबर से 02 जनवरी की रात के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में घना से बहुत घना कोहरा छाया रहेगा, जिससे परिवहन, विमानन और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने का अनुमान है। कई क्षेत्रों में शीत दिवस की स्थिति की आशंका है, जिससे यात्रियों के लिए चुनौतियाँ पैदा होंगी।
घने कोहरे का रेलवे और विमान सेवाओं पर असर: घना कोहरा रेलवे और एयरलाइंस के लिए परिचालन संबंधी बाधाएँ पैदा करता है, शेड्यूल और सुरक्षा प्रोटोकॉल को बाधित करता है। कम दृश्यता के कारण ट्रेनों की गति धीमी हो जाती है, जिससे देरी होती है और सिग्नल संबंधी समस्याएं होती हैं। इसी तरह, हवाईअड्डे की सीमित क्षमता और नेविगेशन चुनौतियों के कारण एयरलाइंस को उड़ान रद्द करने और देरी का सामना करना पड़ता है, जिससे यात्री सुविधा और लॉजिस्टिक संचालन प्रभावित होता है। कुल मिलाकर, घना कोहरा परिवहन नेटवर्क के कुशल कामकाज को महत्वपूर्ण रूप से बाधित करता है।
मानव स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ:
1. फेफड़ों के स्वास्थ्य को खतरा: घना कोहरा कणीय पदार्थ और प्रदूषक तत्वों को अपने साथ ले जाता है, जो श्वसन स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करता है। लंबे समय तक संपर्क में रहने से घरघराहट, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
2. अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का प्रभाव: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों से संबंधित अन्य समस्याओं वाले व्यक्तियों को लंबे समय तक घने कोहरे के संपर्क में रहने के कारण श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
3. आंखों में जलन: कोहरे के प्रदूषक आंखों में जलन पैदा कर सकते हैं, जिससे संभावित रूप से संक्रमण, लालिमा और सूजन हो सकती है।