इन 10 तरीकों से बढ़ाएं गेहूं की पैदावार, खिल जाए किसानों के चेहरे
By khetivyapar
पोस्टेड: 06 Feb, 2024 12:00 AM IST Updated Tue, 06 Feb 2024 12:00 AM IST
गेहूं की बात करें तो देश में चावल के बाद सबसे अधिक गेहूं की खपत होती है। पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश तक में यह उगाया जाता है। लेकिन कई बार मौसम अनुकूल न रहने पर किसानों की फसल खराब हो जाती है। इन दिनों भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है। किसान अगर गेहूं की खेती में कुछ खास बातों का खयाल रखें और उसे अपनाएं तो पैदावार में बढ़ोतरी हो सकती है। आज हम ऐसे ही 10 तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर किसान पैदावार बढ़ा सकते हैं।
किसान अपनाएं ये तरीके
- बीज की गुणवत्ता सही होगी तो अंकुरण सही होगा और पैदावार सही होगी, इसलिए हमेशा प्रमाणित बीज का ही इस्तेमाल करें।
- गेहूं की खेती में बीज का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए हमेशा अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित नई प्रजाति के बीज का चुनाव करें।
- गेहूं की खेती में पौधौं में दाना आने के समय तापमान का सही होना बेहद जरूरी है, इसलिए अच्छी उपज के लिए समय से इसकी बुवाई करें।
- गेहूं की खेती में उर्रवरकों का अधिक उपयोग भी नुकसान कर सकता है इसलिए सबसे पहले खेत की मिट्टी की जांच करें इसके बाद जरूरत के हिसाब से निर्धारित मात्रा में उर्रवरकों का इस्तेमाल करें।
- किसी भी खेती में खरपतवार का नियंत्रण बेहद जरूरी होता है। गेहूं की खेती में भी समय से खर-पतवार का नियंत्रण करें और खरपतवार नाशक केमिकल्स का प्रयोग करें।
- गेहूं की खेती में अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए आवश्यकतानुसार उचित समय पर सिंचाई करें और ध्यान रखें की अधिक मात्रा में पानी खेत में ना दिया जाए।
- खेत में फसल और पोधों को कीट, पतंगों और रोगों से बचाव के लिए उचित समय पर बचाव के तरीकों को अपनाएं।
- फसल बुवाई से लेकर हार्वेस्टिंग और फिर छंटाई तक के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले मशीनों का इस्तेमाल करें. साथ ही मशीनों का इस्तेमाल करने के दौरान शारीरिक सुरक्षा का खास ध्यान रखें।
- खेत की मिट्टी में सूक्ष्म तत्वों की उपलब्धता की जानकारी होने के बाद आवश्यकतानुसार जिंक या मैंगनीज जैसे तत्वों का प्रयोग खेत में करे।
- फसल पकने के तुंरत बाद कटाई करें, ताकि अधिक पक जाने के कारण दाने छिटक कर बाहर न गिरें इससे नुकसान हो सकता है।