भारत और जर्मनी के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से 8वीं संयुक्त कार्यसमूह (JWG) बैठक आज राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव सुश्री अलका उपाध्याय तथा जर्मनी के खाद्य और कृषि मंत्रालय (BMEL) की राज्य सचिव सुश्री सिल्विया बेंडर ने की।
बैठक में डिजिटल कृषि, बीज क्षेत्र, मशीनीकरण और तकनीक, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
अपने स्वागत संबोधन में सुश्री अलका उपाध्याय ने भारत और जर्मनी के बीच गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने डिजिटल कृषि क्षेत्र में सहयोग के महत्व पर जोर दिया और दोनों देशों के बीच बढ़ते कृषि व्यापार को रेखांकित किया। उन्होंने कृषि पारिस्थितिकी, बीज उत्पादन और सतत कृषि प्रथाओं में चल रही साझेदारी का उल्लेख करते हुए कृषि सहयोग को और मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
सुश्री सिल्विया बेंडर ने भारत-जर्मनी साझेदारी की सराहना करते हुए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग को और सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने दोनों देशों द्वारा साझा की जा रही आम चुनौतियों पर ध्यान दिलाया और कृषि क्षेत्र में नवाचार और समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैठक में कृषि मंत्रालय के अधिकारी श्री अजीत कुमार साहू ने भारत की कृषि उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने सरकार की प्रमुख पहलों जैसे डिजिटल कृषि मिशन, लाखपति दीदी कार्यक्रम, कृषि सखी योजना, किसान उत्पादक संगठन (FPO), प्राकृतिक और जैविक खेती, फसल बीमा योजना, ई-नाम और एग्रीश्योर (AgriSURE) के बारे में जानकारी दी।
डिजिटल कृषि और तकनीकी सहयोग पर बल:
डॉ. प्रमोद मेहरेड़ा ने बैठक में डिजिटल कृषि के महत्व पर जोर दिया और कीट एवं रोग प्रबंधन के लिए डिजिटल तकनीकों के सर्वोत्तम उपयोग के आदान-प्रदान की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), कृषि डिजिटलीकरण, मशीनीकरण, बीज क्षेत्र, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा हुई।
भारत और जर्मनी के प्रतिनिधियों की भागीदारी:
बैठक में जर्मनी की ओर से BMEL और इसकी अधीनस्थ संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वहीं, भारत की ओर से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (बागवानी, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और मशीनीकरण), पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन विभाग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अधिकारी शामिल हुए।
यह बैठक भारत और जर्मनी के बीच कृषि क्षेत्र में नवाचार, तकनीकी सहयोग और व्यापार को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।